चंद घण्टो में सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र श्रीवास्तव ने पंचकूला हरियाणा के भटके सुरेश के परिवार का पता लगाकर घर वापसी कराईWithin a few hours, social worker Rajendra Srivastava traced the family of lost Suresh from Panchkula, Haryana and helped him return home.

चंद घण्टो में सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र श्रीवास्तव ने पंचकूला हरियाणा के भटके सुरेश के परिवार का पता लगाकर घर वापसी कराई

लोहित झामर दबंग देश

मेघनगर सोशल मीडिया के बादशाह जिसकी बदौलत अपने अनूठे प्रयासों से भटको के घर का पता लगाना ,फिर उनका कायाकल्प करना तथा उनकी घर वापसी कराने वाले मेघनगर के सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र श्रीवास्तव(नीरज) एक बार फिर जिले में अपने कार्य के लिए चर्चा में है।

चंद घण्टो में सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र श्रीवास्तव ने पंचकूला हरियाणा के भटके सुरेश के परिवार का पता लगाकर घर वापसी कराईWithin a few hours, social worker Rajendra Srivastava traced the family of lost Suresh from Panchkula, Haryana and helped him return home.


हरियाणा के पंचकूला जिले के कालका के रहने वाले सुरेश पिता किशनचंद सिंधी जो कि आंशिक रूप से मानसिक कमजोर है उसे कोई ट्रक वाला खल्लासी का कार्य करवाने हेतु साथ लाया था जिसको ट्रक ड्राइवर ने मध्यप्रदेश के झाबुआ में उतार दिया । असहाय हो सुरेश भटकता हुआ झाबुआ जिले के जिला मुख्यालय तक जा पंहुचा। 

तब जिले के वरिष्ठ जिसमे जिला कलेक्टर के स्टेनो साहब , जिला पुलिस कप्तान के स्टेनो ,जिला PRO के व अन्य अधीनस्थ कर्मचारी परिचित के कॉल आयी ,पर में किन्ही कारणों से कॉल नही ले पाया ,सो बाद मे जिला जनसम्पर्क में कार्यरत मित्र को कॉल किया व सारी जानकारियां प्राप्त की ,उन्होंने बताया कि आज जिला कार्यालय में एक भटक कर आया युवा घर वापसी के लिए आया था ,उसी सिलसिले में आपकीं मदद की आवश्यकता महसूस हुई । अंततः एक बाबू के साथ वो लड़का मेघनगर श्रीवास्तव की दुकान तक पंहुचा। 

जँहा श्रीवास्तव ने अपने स्तर से उसकी काउंसिल की, उसके घर का पता लगाया उसका हौसला बढ़ाया और विश्वास दिलाया चिंता न करो में हूँ न !

जिले के जिलाधिकारी मेघनगर के श्रीवास्तव के कार्य को भलीभांति जानते है सो इस केस में भी उनकी मदद ली गई। श्रीवास्तव में महज ढाई घण्टे में ही उस भटके का कायाकल्प किया ,भोजन कराया व सम्पूर्ण काउंसिल करके कालका जाने वाली ट्रेन का टिकट बनवाया व जीआरपी के सहयोग से उसे ट्रेन में रवाना किया गया।

श्रीवास्तव के पूछने पर सुरेश ने बताया कि वो करीब दो माह से भटक रहा था ,उसके पास न पैसे थे ओर न ही उसे उसकी घर वापसी का कोई रास्ता पता चल पा रहा था ,बस हाइवे पर ही ट्रक वालो से हरियाणा हिमाचल की और जाने वाले साधनों की बाट जोह रहा था पर किसी की मदद नही मिल पाई ,आखिर किसी ने स्थानीय शहर झाबुआ की और जाने का सुझाव दिया ,वँहा से फिर वो जिला कलेक्टर कार्यालय तक आ पंहुचा वंही से श्रीवास्तव से संपर्क करवाया गया और उसकी सकुशल घर वापसी सम्भव हुई।

 श्रीवास्तव के इस नेक कार्य के लिए जिले के उच्च अधिकारियों सहित प्रबुद्ध जनों द्वारा नीरज को शुभकामनाएं देकर उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई।

Post a Comment

0 Comments