कल से बंद हुई 145 साल पुरानी रेलवे लाइन,145 years old railway line closed from yesterday

 कल से बंद हुई 145 साल पुरानी रेलवे लाइन,

बड़वाह /मुकेश खेड़े 145 वर्षो के सफर में क्षेत्र के नागरिकों की हमसफ़र रही मीटर गेज ट्रेन के आखिरी सफर का नागरिकों ने रेलवे स्टेशन पर जाकर अंतिम विदाई के बतौर स्वागत सत्कार किया। तो कुछ नागरिकों के तो आंसू भी छलक पड़े। जी हां हम बात कर रहे है महू से ओंकारेश्वर तक चलने वाली उस ट्रेन की जो लंबे समय तक यात्रियों को ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर के दर्शन के लिए मोरटक्का तक पहुंचाती रही।

बड़वाह /मुकेश खेड़े 145 वर्षो के सफर में क्षेत्र के नागरिकों की हमसफ़र रही मीटर गेज ट्रेन के आखिरी सफर का नागरिकों ने रेलवे स्टेशन पर जाकर अंतिम विदाई के बतौर स्वागत सत्कार किया। तो कुछ नागरिकों के तो आंसू भी छलक पड़े। जी हां हम बात कर रहे है महू से ओंकारेश्वर तक चलने वाली उस ट्रेन की जो लंबे समय तक यात्रियों को ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर के दर्शन के लिए मोरटक्का तक पहुंचाती रही।

 अंग्रेजों के शासन काल में बनाये गए मीटर गेज के ट्रेक को अब ब्राड गेज में परिवर्तन किए जाने की प्रक्रिया प्राम्भ हो चुकी है। इसी कारण इस ट्रैक पर चल रही एक मात्र ट्रेन को भी 31 जनवरी से रेलवे विभाग द्वारा बंद कर दिया गया है। इसी के चलते आज इस ट्रेन के आखरी सफर पर नागरिकों ने मोरटक्का व बड़वाह में ट्रेन के चालक व टीसी का पुष्प माला पहना कर स्वागत सत्कार किया। नागरिक इस वक्त पर इस ट्रेन के सफर के इतिहास को याद करते हुए उदास भी दिखे तो इस बात पर खुशी भी प्रकट की अब इस ट्रैक के ब्रांड गेज परिवर्तन से उत्तर से दक्षिण को जोड़ता यह ट्रेक क्षेत्र में विकास के नए द्वार खोलेगा। उल्लेखनीय है कि नर्मदा नदी पर बने मजबूत रेलवे पुल को भी ध्वस्त कर ब्राडगेज के लिए नया पुल निर्माण करने की कवायद शुरू हो चुकी है। हम आपको बता दे कि इस ट्रैक पर लोग आंध्रप्रदेश के काचीगुडा से राजस्थान के जयपुर तक के सफर को आज भी अपने जेहन में रखे हुए है। मीनाक्षी एक्सप्रेस के नाम से चलने वाली इस ट्रेन की यादें आज भी लोगो के दिलो दिमाग मे बसी है।

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