दुसरो को दुःख देकर खुद कभी सुखी नही रह सकते-हर्ष प्रिया श्री जीOne can never be happy by giving sorrow to others - Harsh Priya Shri ji

 दुसरो को दुःख देकर खुद कभी सुखी  नही रह सकते-हर्ष प्रिया श्री जी 

 तत्व ज्ञान शिविर का समापन आज, कल से नवपद ओलीजी आराधना प्रारम्भ

बड़ावदा। शिरीष सकलेचा

भारतीय संस्कृति में जो महत्व गंगा का है ,श्रमण संस्कृति में वही महत्व अहिंसा का है ।जिस दिन गंगा भारत से लुप्त हो जाएगी उस दिन भारत नंगा और भीख  मंगा हो जाएगा ।हमारे परमात्मा  ने सिर्फ यही नहीं कहा कि जियो और जीने दो बल्कि यह भी कहा है कि मर कर भी दूसरों को जीने दो। हमें उस जीवन को नष्ट करने का कोई अधिकार नहीं है जिसको बनाने की हमारी शक्ति नहीं है।

भारतीय संस्कृति में जो महत्व गंगा का है ,श्रमण संस्कृति में वही महत्व अहिंसा का है ।जिस दिन गंगा भारत से लुप्त हो जाएगी उस दिन भारत नंगा और भीख  मंगा हो जाएगा ।हमारे परमात्मा  ने सिर्फ यही नहीं कहा कि जियो और जीने दो बल्कि यह भी कहा है कि मर कर भी दूसरों को जीने दो। हमें उस जीवन को नष्ट करने का कोई अधिकार नहीं है जिसको बनाने की हमारी शक्ति नहीं है।

   उक्त प्रेरक प्रवचन साध्वी  *हर्ष प्रिया श्री* जी म सा ने गुरुवार को जय शेखर धाम दादावाड़ी बड़ावदा पर तत्व ज्ञान शिविर के  छठे दिन मौजूद धर्मालुजनो के  समक्ष दिए।

भारतीय संस्कृति में जो महत्व गंगा का है ,श्रमण संस्कृति में वही महत्व अहिंसा का है ।जिस दिन गंगा भारत से लुप्त हो जाएगी उस दिन भारत नंगा और भीख  मंगा हो जाएगा ।हमारे परमात्मा  ने सिर्फ यही नहीं कहा कि जियो और जीने दो बल्कि यह भी कहा है कि मर कर भी दूसरों को जीने दो। हमें उस जीवन को नष्ट करने का कोई अधिकार नहीं है जिसको बनाने की हमारी शक्ति नहीं है।

   आपने तत्व ज्ञान के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सृष्टि का प्रत्येक प्राणी जीना चाहता है लेकिन हम सुबह आंख खुलते ही दूसरों की आंख बंद करने की सोचते हुए  हिंसा के मार्ग पर चलने लगते है। दुसरो को दुःख देकर  खुद को सुखी बनाने की कल्पना करना बेईमानी है। अतः हमें हिंसा से बचना है। छोटी छोटी गलतियां भी हमे हिंसा के मार्ग पर ले जाती है। जैन धर्म मे इन सभी चीजों को बारीकी से बताया गया है। जिसका अध्यन करना जरूरी है।  अर्हम प्रिया जी ने देवलोक,मोक्ष व नरक गति पर प्रवचन देते हुए अपनी बात रखी। प्रभावना महेन्द्र ओरा परिवार ने वितरित की।

   चातुर्मास समिति सचिव शिरीष सकलेचा ने बताया कि तत्व ज्ञान शिविर का समापन आज शुक्रवार को होगा। जिसमें जिन मंदिर में दर्शन ,पूजा आदि कैसे करे, किन दोषों से बचा जाय के बारे में बताया जावेगा।कल से होगी ओलीजी आराधना प्रारम्भ----

  साध्वी मुक्ति प्रिया श्री जी आदि की प्रेरणा से यहाँ 1 अक्टूबर शनिवार से नवपद ओलीजी की सामूहिक  आराधना  प्रारम्भ होगी।पारने 10 अक्टूबर को होंगे।  सम्पूर्ण ओली जी का लाभ  कमलाबाई पूनम चंद सोलंकी की स्मृति में कल्पेश कुमार, नरेश कुमार मेहता परिवार(नोगावा वाला) मंदसौर ने लिया है। श्री संघ अध्यक्ष मानमल सकलेचा ने अधिकाधिक ओली जी आराधना करने का अनुरोध श्रावक श्राविकाओं से किया है।

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