आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आशा उषा सहयोगियों ने ज्ञापन सौंपा
गजेन्द्र माहेश्वरी
नीमच:- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला मजदूरों की मांगे पूर्ण करने को लेकर आशा उषा सहयोगीनी एवं कार्यकर्ताओं ने 12 सूत्री मांगों को लेकर प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि नायब तहसीलदार प्रशस्ति सिंह को सौंपा। जिसमें बताया गया कि महिलाओं को मजदूर और किसानों के रूप में काम को मान्यता दी जाए। योजना कर्मियों का मजदूरी कर्मचारियों के रूप में नियमितीकरण 45 में आईईएलसी की सिफारिशों के अनुसार तुरंत न्यूनतम वेतन और सामाजिक लाभ दिया जाए। महिलाओं के लिए सभी क्षेत्रों में समान काम समान वेतन सुनिश्चित किया जाए। सभी कार्य स्थलों पर पीओएसएच एक्ट का कार्य वाहन हो।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाया जाए।न्यायमूर्ति वर्मा समिति की सिफारिशों को लागू करें। सभी निर्वाचित निकायों में महिलाओं को 33% आरक्षण देने के लिए एक्ट बनाया जाए। श्रम संहिता कृषि कानूनों को रद्द करें और बिजली संशोधन बिल वापस ले सार्वजनिक क्षेत्रों उद्यमों और सेवाओं का निजीकरण बंद करें। सभी के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन में मांग की गई है कि मनरेगा के अंतर्गत 200 दिन रुपए 600 प्रतिदिन रोजगार सुनिश्चित किया जाए। इसका शहरी क्षेत्र में भी विस्तार किया जाए। ज्ञापन में यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि हमारी मांगे समय रहते पूर्ण नहीं होती होती है तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन की रहेगी। ज्ञापन सौंपने के दौरान बड़ी संख्या में आशा उषा सहयोगिनी एकता यूनियन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन व कार्यकर्ता कामकाजी महिलाओं की जिला समन्वय समिति के सदस्य मौजूद थे।
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