इंदौर की सड़कों पर ट्रक के भेष में दौड़ा यमराज Yamraj ran on the streets of Indore in the guise of a truck
2 किलोमीटर तक चल लाचारी और अनाथ व्यवस्थाओं का प्रदर्शन
आधा दर्जन के आस पास लोगो की मौत की सूचना , दर्जन भर से ज्यादा लोगों को ट्रक ने रौंदा
गोल्डी राठौर , राहुल मोहिते
इंदौर शहर में 15 सितंबर रात करीब 7.40 पर शहर के वी.आई.पी रोड जहां से शहर का हर बड़े से बड़ा अधिकारी , देश का बड़े से बड़ा नेता गुजरता हे उस रोड पर एक ट्रक यमराज बन दौड़ा जिसमें उसने कई गाड़ियों को टक्कर मारी जिसमें करीब दर्जन भर लोग घायल हो गए और करीब आधा दर्जन लोगों को उसने मौत के घाट उतार दिया और ये तमाशा देखता रहा वहां का जिम्मेदार प्रशाशन जो इस हादसे के गुनाहगार भी हे ।।हादसे के बाद मौके पर मौजूद लोगों में भारी आक्रोश देखा गया । प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रक एक बाइक को घसीटते हुए काफी दूर तक ले गया, जिससे बाइक में ब्लास्ट हुआ और आग ट्रक तक फैल गई। आग लगने से स्थिति और भयावह हो गई, और मौके पर चीख-पुकार मच गई। दमकल विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। हालांकि, तब तक ट्रक और उसमें फंसा एक व्यक्ति बुरी तरह झुलस चुका था। लोगों ने किसी तरह उस व्यक्ति को ट्रक से अलग किया लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी कुछ सूत्रों के अनुसार, गुस्साई भीड़ ने ट्रक में आग लगा दी, जबकि अन्य का कहना है कि ट्रक के नीचे फंसी बाइक के कारण घर्षण से आग लगी , अगर पुलिस ट्रक को जब उसने पहली टक्कर शिक्षक नगर पर मारी थी तब ही उसको रोखलेती तो शायद आगे यह हादसा इतना बड़ा नहीं होता ।।
सबसे बड़ा सवाल , क्या यह हादसा रुख सकता था
जब शहर में चलने वाहनों पर ट्रैफिक पुलिस इतनी सख्ती रहती हे कि कैमरे द्वारा चालान घर तक पहुंचते हैं , बिना हेलमेट के पेट्रोल तक नहीं मिलता तो फिर कैसे कोई ट्रक एरोड्रम थाने के सामने से निकल गया जबकि रात 11 से पहले भारी वाहनों का प्रवेश निषेध रहता हे तो किसके कहने पर ट्रक को शहर के अंदर घुसने दिया क्या यह हादसा सिर्फ एक हादसा हे क्या इस घटना को रोका नहीं जा सकता था क्यों पुलिस 2 किलोमीटर तक सिर्फ तमाशा देखती रही , कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी या फिर वही सब छोटे पर कार्यवाही बड़े अपना पल्ला झाड़ेंगे ?
पोलो ग्राउंड जाना था, रास्ता भूला ड्राइवर
पुलिस के मुताबिक, ट्रक जैन ट्रांसपोर्ट का है। यह सांवेर रोड से गत्ते लेकर निकला था। ट्रक को पोलो ग्राउंड पहुंचना था लेकिन ड्राइवर रास्ता भूलकर सुपर कॉरिडोर से एयरपोर्ट की तरफ आ गया।
कलेक्टर की संजीदगी देख भावुक हुए परिजन
घटना में घायलों का हालचाल और उनके इलाज की मानीटरिंग करने के लिए इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा अरविंदो, बांठिया, भंडारी, वर्मा यूनियन एवं गीतांजलि अस्पताल पहुँचे। घायलों के परिजनों से हाल चाल जाने और कहा कि यह लोग मेरे परिवार के सदस्य जैसे ही हैं। अरविन्दो अस्पताल में भर्ती एक बच्ची को देख कलेक्टर शिवम वर्मा बहुत ही भावुक हो गए और कहा कि यह मेरी बेटी है। यह दृश्य देख बेटी के परिजन भी बहुत भावुक हो गए। कलेक्टर शिवम वर्मा ने सभी घायलों के इलाज के लिए खुद मानीटरिंग करने की बात कही। वहां मौजूद लोग कलेक्टर ने बड़ी ही संजीदगी से परिजनों ढाँढस बँधाया और कहा की मुख्यमंत्री महोदय ने उन्हें सीधे निर्देश दिया है कि घायलों की हर संभव मदद हो।घायलों में दो लोगों की हालत गंभीर है बाकी सभी खतरे से बाहर होना बताए जा रहे है।
लोगों का सब्र का बांध टूटा
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद घायलों के हालचाल जानने शहर के जनप्रतिनिधि और नेता अस्पताल पहुंचे। भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्राजब घायलों को देखकर लौट रहे थे, तभी आक्रोशित भीड़ ने उनके वाहन के आगे खड़े होकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।क्षेत्रीय विधायक व नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गी भी घायलों को देखने अस्पताल आए। इसके अलावा मेयर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक मालिनी गौड़, गोलू शुक्ला, रमेश मेंदोला भी अस्पताल पहुंचे।
इंदौर की सड़कों पर यह अब आम बात
जिम्मेदार अधिकारी अपनी बाते कहकर अपनी कुर्सियाँ बचा रहे हैं, जबकि आम जनता अपनी जान से हाथ धो रही है। शहर के बसने वाले लोगों के दिलों में यह हादसा एक कहर बनकर टूटा हे , सवाल यही है – कब तक निर्दोष लोग शासन - प्रशाशन की असफलताओं की कीमत अपनी जान देकर चुकाते रहेंगे? कई बड़े अधिकारी भी घटना स्थल पर पहुंचे , लेकिन इससे क्या बदल जाएगा? जनता का विश्वास टूट चुका है। पुलिस प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है और यातायात व्यवस्था की पोल खुल गई है।
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