नए आपराधिक कानून को एक वर्ष मेंटेनेंस पूर्ण होने पर जनसुनवाई में आए आवेदकों को नए कानून के संबंध में किया जागरूक Applicants who came for public hearing were made aware about the new law
नाहरू मोहम्मद दबंग देश जावरा।
01 जुलाई को भारतीय न्याय व्यवस्था में लागू हुए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जैसे नए आपराधिक कानूनों को एक वर्ष पूर्ण हो गया है। यह वर्ष डिजिटल युग में पुलिस व न्याय प्रणाली के तकनीकी सशक्तिकरण के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक रतलाम अमित कुमार के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा द्वारा जनसुनवाई में आए हुए आवेदकों की शिकायतों को सुनकर निराकरण के निर्देश दिए गए। इसके साथ साथ जिले भर से आए आवेदकों को नए आपराधिक कानून के बारे में जागरूक किया गया।
एएसपी द्वारा सभी आवेदकों को नए कानून के माध्यम से किस प्रकार आपके मोबाइल से ही आप E– FIR कर सकते है। जिस पर पुलिस द्वारा परीक्षण कर एफ आई आर दर्ज की जाती है जिससे शिकायतकर्ताओं को त्वरित सेवा व न्याय सुनिश्चित होता है।
नए आपराधिक कानून से आम जन के लिए किए गए कुछ प्रावधान.।
नए कानूनों में प्रमुख प्रावधान
देश में किसी भी थाने में एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है, जिसे दर्ज कर संबंधित थाने को भेजा जाएगा।
15 वर्ष से कम या 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों की गिरफ्तारी से पहले संक्षम अधिकारी की अनुमति लेना अनिवार्य।
सात वर्ष से कम सजा वाले अपराधों में पुलिस बिना अनुमति के गिरफ्तारी नहीं कर सकती है।
एनसीआरपी पोर्टल व सीईआइआर पोर्टल के माध्यम से साइबर अपराध और मोबाइल गुम की शिकायत की जा सकती है।
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