सो दिवसीय सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग एवं जागरूकता अभियान प्रारंभ 100-day sickle cell anemia screening and awareness campaign begins
लक्ष्य निर्धारित कर नए रोगी खोजे जाएंगे।
नाहरू मोहम्मद दबंग देश जावरा/
सौ दिवसीय सिकल सेल स्क्रीनिंग एवं जागरूकता अभियान 1 जुलाई से प्रारंभ किया गया है। सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक विकार है। असामान्य लाल रक्त कणिकाएं अर्धचंद्राकार रूप ले लेती है तथा अनियमित आकार की कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं में अवरोध पैदा कर सकती है , जिससे विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं , सिकल सेल के लक्षण एनीमिया ,पीलापन दिखाई देना , बार-बार संक्रमण होना , बीमार होना , थकान होना , छाती में दर्द , प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर पड़ना , जोड़ों में दर्द होना आदि है। इससे बचाव के लिए शादी से पहले लड़का और लड़की दोनों की रक्त जांच कर यह देख लेना चाहिए कि इनमें सिकल सेल के जीन तो नहीं है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संध्या बेलसरे, डी पी एम डॉ प्रमोद प्रजापति, एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉक्टर गौरव बोरीवाल, बीईई कैलाश यादव , बी पी एम रघुनंदन पाटीदार आदि की उपस्थिति में विकासखंड सैलाना में अभियान प्रारंभ किया गया।
बाल चिकित्सालय रतलाम में सिविल सर्जन डॉक्टर एम एस सागर के निर्देशन में एवं सिकल सेल थैलेसीमिया मुक्त मध्य प्रदेश समिति के मार्गदर्शक एवं रोगी कल्याण समिति सदस्य श्री गोविंद काकानी, बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आर सी डामोर , नोडल अधिकारी डॉ जितेंद्र जायसवाल आदि की उपस्थिति में सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित बाजना विकासखंड के पांच बच्चों । जिले में सिकल सेल के 36 बच्चों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराया जा रहा है। रतलाम जिले में ब्लड ट्रांसफ्यूजन की अच्छी सेवाओं के चलते थैलेसिमिया के कुल 220 बच्चे बाल चिकित्सालय में आकर ब्लड ट्रांसफ्यूजन करवा रहे हैं , इसमें आसपास के अन्य जिलों के बच्चे भी यहीं आकर सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं। डॉ एम एस सागर ने बताया कि सिकल सेल मुक्त रतलाम की संकल्पना को साकार बनाने के लिए जिला चिकित्सालय रतलाम की ओर से हर संभव कार्य किया जाएगा।
सीएमएचओ ने बताया कि चिन्हित किए गए रोगियों , वाहकों को जेनेटिक काउंसलिंग, निरंतर उपचार प्रबंधन एवं जन जागरूकता फैलाने के लिए सभी को सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए शुरुआत की गई है। सभी विकासखंड में सिकल सेल के नए मामलों के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं । सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर में आने वाली समस्त गर्भवती महिलाओं और बच्चों एवं 40 वर्ष तक की आयु की हितग्राहियों की सिकल सेल जांच करने हेतु निर्देश दिए गए।
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