महाशिवरात्रि विशेष - कही भोलें का हुआ ब्याह तो कही हुआ आकर्षक श्रृंगार Mahashivratri Special - Somewhere Bhole got married and somewhere else he was adorned with attractive makeup

 महाशिवरात्रि विशेष -

कही भोलें का हुआ ब्याह तो कही हुआ आकर्षक श्रृंगार

जगह जगह भण्डारा महाप्रसादी तो दूध भांग का मिला शर्बत

थांदला। भोलें भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का पर्व विशेष आराधना पूजन का रहता है ऐसे में शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ कर आती है। आस्था का महा सैलाब जब उफान पर होता है तो शिवालयों की व्यवस्था समिति भी हर्षित होकर भोलें भक्तों के लिए भांग घोटने लग जाते है, दूध शर्बत तैयार करते है, फलाहार खिचड़ी, भजिये का इंतजाम करते है तो पेड़ा, आलूबड़े आदि का इंतज़ाम करते है यही नही अनेक भक्त तो भंडारें तक का आयोजन कर देते है। थांदला व आसपास के ग्रामीण अंचल में भी आस्था का अनूठा सैलाब देखने को मिला। नगर व ग्रामीण अंचल में करीब 250 से 350 वर्षों के पूर्व के होल्कर स्टेट के समय के अति प्राचीन शिवालय है जहाँ हजारों शिवभक्तों ने अपनी हाजरी लगाते हुए शिव चरणों में माथा टेका।

 स्थानीय गणेश मंदिर व पिपलखुटा आश्रम में शिव विवाह का विशेष आयोजन हुआ जिसमें भूत पिशाच से सजी बारात में शिव की बारात निकाली गई। यहाँ शिव विवाह की सारी रस्म निभाई गई जिसमें एक दिन पहले हल्दी रस्म में हल्दी की होली खेली गई वही बारात में शामिल लोगों ने विभिन्न वस्तु व द्रव्य के माध्यम से सिंचावनी की रस्म अदायगी भी की। भक्तों ने खूब भजन कीर्तन किया तो शिवालय समिति ने दूध, मिठाई, नमकीन भांग शर्बत, फलाहार आदि से बारातियों का स्वागत किया व शिवभक्तों को प्रसादी खिलाई। नगर से दूर ग्रामीण अंचल शिवगढ़ में भक्तों की लंबी कतार देखने को मिली वही जंगलेश्वर महादेव मंदिर पर सेवा भारती द्वारा मेला लगाते हुए विशाल भंडारें का आयोजन किया वही मंदिर प्रांगण में आरोग्य शिविर का इंतज़ाम किया। नागर समाज के युवाओं ने स्वामीनारायण व राजगरे के आटे से स्वादिष्ट भजिये बनाये तो अनेक स्थानों पर फरियाली आलू सबुदानें की खिचड़ी बनाई गई जिसे शिवभक्तों ने ग्रहण करते हुए समिति को धन्यवाद दिया।

 अम्बिकेश्वर मंदिर पर महा आरती का आयोजन हुआ जहाँ मुख्य यजमान के साथ सैकड़ो शिव भक्तों ने आरती बाबा की उतारी। स्थानीय रामेश्वर मंदिर, तेजाजी मंदिर, सांवलिया मंदिर, गणेश मंदिर, पंचमुखी शिव मंदिर पर शिवलिंग का आकर्षक श्रृंगार किया गया तो ईमली गणेश मंदिर पर गणेशजी में, पिपलखुटा हनुमानजी मंदिर, बावड़ी हनुमानजी मंदिर पर रुद्र अवतार हनुमानजी महाराज पर शिवजी का चोला चढ़ाया गया। अनेक मंदिरों में शिवलिंग का अभिषेक निरंतर होता रहा यहाँ भगवान को किसी भी प्रकार के द्रव्य से श्रृंगारित न करते हुए उन्हें भगवान को प्रिय धतूरा व बिलपत्र चढ़ाने की पारम्परिक व्यवस्था रही। स्थानीय प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने भीड़ वालें स्थान पर पुलिस जवानों व कोटवारों की नियुक्ति कर अपराधों पर नियंत्रण रखा वही शिवभक्ति में डूबे शिव भक्तों के साथ ही जीवदया अभियान समिति ने क्रमशः अधिकांश देवालयों में जाकर महामृत्युंजय जाप व अन्य धार्मिक अनुष्ठान करते हुए सकल विश्व के आरोग्यता की मंगल कामना की।

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