मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ की तर्ज पर सर्व ब्राह्मण व हजारों श्रद्धालुओं ने किया शाही स्नान On Mauni Amavasya, on the lines of the Maha Kumbh in Prayagraj, all Brahmins and thousands of devotees took a royal bath

मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ की तर्ज पर सर्व ब्राह्मण व हजारों श्रद्धालुओं ने किया शाही स्नान

पूजन अभिषेक के साथ दान पुण्य कर भक्तों ने मनाई मौनी अमावस्या

मुकेश खेड़े दबंग देश 

बड़वाह - मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार अल सुबह नर्मदा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ नर्मदा घाट पर उमड़ी। नगर से करीब 3 किमी दूर नावघाट खेड़ी स्थित नर्मदा तट श्रद्धालुओं से पटा नजर आया।यहा तट अलग अलग घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर पूजन किया। अमावस्या के चलते स्थानीय और बाहरी श्रद्धालुओं का नर्मदा स्नान के लिए घाट पर आने का सिलसिला अल सुबह से शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं ने नर्मदा में स्नान करने के साथ ही सूर्यदेव को अर्घ्य दिया।इसके बाद नर्मदा तट स्थित शिवलिंग पर जल अर्पित कर अभिषेक पूजन किया।पूजन के पश्चात तट पर मौजूद गरीब निर्धनों को श्रद्धालुओं के अनाज और पैसे का दान भी किया।

पंडित गिरिजाशंकर अत्रे ने बताया की मौनी अमावस्या पर स्नान का विशेष महत्व माना जाता है।इस दिन स्नान करने से मनुष्य को पितृदोष की भी शांति होती है।यही कारण है की मौनी अमावस्या पर प्रतिवर्ष श्रद्धालुओं का हुजूम नर्मदा स्नान के लिए तट पर भारी संख्या में उमड़ता है।आज महाकुंभ में भी मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान हो रहा है।नर्मदा को दक्षिण की गंगा भी कहते है।हम मां नर्मदा से प्रार्थना करते है कि जो पुण्य महाकुंभ में स्नान से मिलता है।वही पुण्य मां नर्मदा स्नान करने वाले भक्तों को भी मिले।उल्लेखनीय है कि माघ महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या भी कहा जाता है।इस दिन नर्मदा तट पर स्नान के लिए दूरस्थ क्षेत्रों से भी श्रद्धालु यहां पहुंचते है।

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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ की तर्ज पर किया शाही स्नान ---- 

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के शाही स्नान की तर्ज पर मौनी अमावस्या पर्व के अवसर पर नर्मदा में अमृत स्नान का आयोजन किया गया।नगर के वेदपाठी पंडितों ने नावघाट खेड़ी स्थित नर्मदा तट पर शोभायात्रा निकालकर एक साथ विधि–विधान के साथ नर्मदा स्नान किया।इस दौरान क्षेत्र के आम नागरिकों ने भी इस अमृत स्नान में शामिल होकर पुण्य लाभ लिया।सुबह करीब 10.30 बजे तट पर स्थित वेदपाठी पंडित बैंडबाजे व ढोल के साथ राधाकृष्ण मंदिर से जुलूस की तर्ज पर निकले।इस दौरान करीब 50 वैदिक ब्राह्मण व आम श्रद्धालु सहित 200 लोग सम्मिलित जुलूस में शामिल रहे ।इस दौरान श्रद्धालु अपने साथ भगवान श्रीकृष्ण को सुसज्जित पालकी में विराजित कर डोले के रूप में नर्मदा घाट तक लेकर गए। इस दौरान भक्त भजनों की धुन पर झूमते हुए नावघाट खेड़ी के नर्मदा तट पहुंचें।सभी वैदिक पंडितों ने एकसाथ मंत्रोच्चार कर तीर्थराज प्रयागराज सहित पावन गंगा मैया का आव्हान कर दूध से मां नर्मदा का अभिषेक पूजन किया।

इसके बाद विधि–विधान से पूजन,अर्चन कर बेहद श्रद्धाभाव के साथ नर्मदा में डुबकी लगाई।यहां सभी ने हर–हर गंगे व मात नर्मदे हर के जयघोष के साथ नर्मदा में डुबकी लगाई।कुछ समय के लिए दृश्य इस तरह नजर आ रहा था,मानो नर्मदा का यह किनारा प्रयागराज का संगम घाट हो।बेहद उत्साह व श्रद्धापूर्वक सभी ने नर्मदा स्नान किया। प्रीतेश व्यास ने बताया की महाकुंभ की गूंज अब विश्वव्यापी हो गई है।केवल भारतवासी ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से श्रद्धालु कुंभ में पहुंचकर गंगा में डुबकी लगाकर पुण्यभागी बन रहे है।लेकिन जो लोग किसी असमर्थता के कारण प्रयागराज तक नही पहुंच रहे है या जिन्हें प्रशासन आने से रोक रहा है।इसी को देखते हुए मौनी अमावस्या के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को कुंभ स्नान का फल प्राप्त हो इस उद्देश्य के साथ नर्मदा तट पर एकत्र होकर आज महास्नान किया गया। स्नान के दौरान बड़ी संख्या में वेदपाठी पंडितों सहित अन्य श्रद्धालु जो तट पर स्नान के लिए आए थे वो भी इस जत्थे में सम्मिलित हुए ।

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