धार जिले के पिंजराया गांव में मां कामाख्या देवी की स्थापना बहुत जल्द Maa Kamakhya Devi will be established very soon in Pinjaraya village of Dhar district.

धार जिले के पिंजराया गांव में मां कामाख्या देवी की स्थापना बहुत जल्द

राकेश सिंह चौहान दबंग देश

अनाथो को मिलेंगे माता-पिता बेसहारा बुजुर्गों को मिलेगा परिवार

क्षेत्र के गरीब परिवारों को शादी विवाह से लेकर भोजन तक की मिलेगी अन्य सुविधाएं

तंत्र साधना की राजधानी कहे जाने वाली मां कामाख्या का मंदिर अबधार जिले के पिंजराया ग्राम में जो की नागदा फटे से धार रोड पर 30 गांव के निकट मुख्य मार्ग से महज 1 किलोमीटर से भी कम दूरी पर पिंजराया ग्राम में बनने जा रहा है 

तंत्र साधना की राजधानी कहे जाने वाली मां कामाख्या का मंदिर अबधार जिले के पिंजराया ग्राम में जो की नागदा फटे से धार रोड पर 30 गांव के निकट मुख्य मार्ग से महज 1 किलोमीटर से भी कम दूरी पर पिंजराया ग्राम में बनने जा रहा है

महाराणा सेवा संस्था द्वारा जन सहयोग से इसका बीड़ा उठाया गया है जो कि एनजीओ जो भारत वर्ष मे कार्य अनाथ गरीब व समझ सेवा के रूप में काम कर रही है एवं जिसे पूरा करने का लक्ष्य 2025 तक रखा गया है

51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ जो कि अपने आप में एक विशिष्ट स्थान रखता है माता सती के देह त्याग के पश्चात जब भगवान शिवा माता सती के देह  को लेकर शोकाकुल थे तथा रूद्र रूप धारण करते

 इससे पहले ही भगवान विष्णु द्वारा जगत कल्याण हेतु अपने सुदर्शन से माता सती के देह के कई टुकड़े कर दिए जो की 51 भाग में विभाजित होकर अलग-अलग स्थान पर गिरे यही 51 शक्तिपीठों मैं मां भगवती विराजित होकर आज भी मां भक्तों के दुख दूर कर रही है इन सभी शक्तिपीठों में मां कामाख्या धाम का महत्वपूर्ण स्थान है वही शक्तिपीठ भारत के अलावा पड़ोसी देशों में भी है 

जैसे गुहेश्वरी देवी  तथा मुक्तिधाम दोनों ही नेपाल में पड़ते हैं पड़ोसी देशों में देखा जाए तो सर्वाधिक शक्तिपीठ बांग्लादेश में पड़ते हैं सुगंधा देवी शक्तिपीठ चटठल भवानी शक्तिपीठ जेशोरश्रेरी शक्तिपीठ करतो घाट शक्तिपीठ आदि बांग्लादेश में  हैं श्रीलंका में इंद्राक्षी शक्तिपीठ और तिब्बत में मानशा शक्तिपीठ मौजूद है जहां माता सती के बाएं हाथ की हथेली गिरी थी

पिंजराया गांव में माता के मंदिर के निर्माण को लेकर उत्साह का माहौल है सभी तन मन धन एवं सेवा भाव से कार्यरत है प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व मां कामाख्या से अखंड ज्योत स्वरूप में माता को लाया जाएगा तत्पश्चात मां  स्थाई तौर पर कामाख्या धाम में अनवरत ज्वाला के रूप में विराजित रहेगी इसके बाद अनाथ एवं वृद्ध आश्रम को भी मां के सानिध्य में संचालित किया जाएगा 

जिसमें बेसहारा माता-पिता को एक परिवार मिलेगा एवं अनाथ बच्चों को माता-पिता मिलेंगे निश्चित तौर पर यह पहल अनोखी एवं सराहनीय है साथ ही निशुल्क कन्या विवाह हेतु गार्डन एवं हाल बनेगा जिससे किसी भी गरीब परिवार के माता-पिता को यहां निशुल्क सुविधा प्रदान की जाएगी संस्था के सदस्यों का कहना है लोगों द्वारा मंदिर निर्माण में रुचि दिखाई जा रही है

 साथ ही सभी से सहयोग व साथ इस नेक कार्य मे देने का आग्रह किया आने वाले समय मे पिंजराया ग्राम व झेत्र माँ कामख्या धाम के नाम से जाना जायेगा क्यों क्यों कि माँ कामख्या के दर्शन करने 

बड़ी सख्या मे भक्त जन देश व आस पास के प्रदेश से आएंगे माँ कामख्या मंदिर आसाम गुहाटी मे स्थति हैँ उसी मंदिर का स्वरूप कामख्या धाम पिंजराया बन रहा हैँ झेत्र मे कई रोजगार के अवसर मंदिर व आश्रम निर्माण के बाद देखने को मिलेंगे यहां मंदिर निर्माण कि नीव रखी उसी दिन से माँ कामख्या कि असीम कृपा  विराजित हैँ संस्था के अध्यक्ष द्वारा सभी को यहां दर्शन करने व सहयोग के लिएआमंत्रित किया गया हैँ

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