शिक्षा ही संस्कारों, संस्कृति, स्वावलंबन, अध्यात्म और चरित्र निर्माण की कुंजी है।” डॉ. भरत शर्मा
चोइथराम विद्यालय (नार्थ कैंपस) द्वारा आयोजित वार्षिकोत्सव में कला प्रदर्शनी के अवलोकन करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार सदस्य डॉ. भरत शर्मा ने विद्यालय के छात्र-छात्राओं को उद्बोधित करते हुए कहा की भारतीय शिक्षण पद्धति की विशेषता है की यह आपके गुणात्मक वैचारिक सूझबूझ देती है । अनुशासन, एकाग्रता, कर्तव्यबोध, कलात्मक और शारीरिक सम्बलता के माध्यम से आपको सांसारिक गुणों से सुदृढ़ करती है । इसका श्रेय विद्यालय और आपके शिक्षकों को जाता और आपको जीवन पर्यंत अपने प्रथम गुरु माता पिता और शिक्षकों के प्रति सम्मान करना चाहिए।
प्रदर्शनी में मेघावी छात्रों द्वारा विभिन्न माध्यमों में उकेरे सुंदर चित्र, शिल्प के नमूने व विज्ञान से संबंधित मॉडल प्रदर्शित किए गए।
विद्यालय के प्राचार्य श्री यू. के. झा ने अतिथि परिचय व स्वागत भाषण देकर अतिथि का सम्मान किया।
चोइथराम ट्रस्ट के श्री सतीश मोतियानी, श्री संदीप नन्देरकर, प्राचार्य श्री राजेश अवस्थी, श्री अमित त्रिवेदी, विद्यालय के शिक्षक, छात्र, अभिभावक और दिल्ली से पधारे श्री सुनील पटेल ने भी कार्यक्रम में विशेष रूप से शिरकत की।
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