जावरा में 30 नवंबर को विशेषज्ञ चिकित्सकों की मौजूदगी में कैदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया
सीपीआर के विशेष प्रशिक्षण सत्र व स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
नाहरू मोहम्मद दबंग देश जावरा।अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में बैठक संपन्न की गई । बैठक से प्राप्त निर्देशानुसार रतलाम जिले की सर्किल जेल रतलाम में 29 नवंबर को एवं उप जेल सैलाना एवं उप जेल जावरा में 30 नवंबर को विशेषज्ञ चिकित्सकों की मौजूदगी में कैदियों का स्वासथ्य परीक्षण उचित जांच उपचार एवं जेल विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
जिला चिकित्सालय के डॉ. निर्मल जैन, डॉ. कृपालसिंह राठौर, डॉ. ममता शर्मा, डॉ. गोपाल यादव, डॉ. एस.एस. गुप्ता, डॉ. कैलाश चारेल, डॉ. अदिति भावसार द्वारा सर्किल जेल में तथा डॉ. दीपक पालडिया, डॉ. विजय पाटीदार, डॉ. अजय सिंह राठौर, डॉ. मोहम्मद फेजान उस्मानी द्वारा उप जेल जावरा में तथा डॉ. अंकित जैन, डॉ. दिनेश भूरिया, डॉ. शशांक, डॉ. अदिति भावसार डॉ. नितिन मेहता, डॉ. प्रफुल्ल भाटी, भैरूलाल मचार द्वारा परीक्षण चिकित्सा एवं प्राथमिक उपचार देखभाल संबंधी सेवाऐं प्रदान की गई।
इस अवसर पर सर्किल जेल रतलाम में सीपीआर के विशेष प्रशिक्षण सत्र व स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में जिला अस्पताल के डाक्टरों ने जेल कर्मचारियों, अधिकारियों व बंदियों को सी.पी.आर. या कृत्रिम श्वसन की जानकारी देते हुए दुर्घटना, अटैक आने या किसी अन्य कारण से किसी व्यक्ति की सांस रुकने पर उसकी जान बचाने के लिए दिए जाने वाले सी.पी.आर. का प्रशिक्षण दिया
विशेषज्ञ डा. निर्मल जैन, अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. कृपालसिंह राठौर, मेडिकल विशेषज्ञ डा. कैलाश चारेल, पी.जी.एम.ओ.व ई.एन.टी. विशेषज्ञ डा. अदिति भावसार, स्त्री रोग डा. ममता शर्मा, सर्जन डा. गोपाल यादव, नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. एसएस गुप्ता ने बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया
जेल अधीक्षक लक्षमणसिंह भदौरिया ने बताया कि किसी बंदी ने कान में दर्द होने तो किसी ने आंखों की रोशनी कम होना बताया । डाक्टरों ने उनकी आंखों, कान की जांच कर उन्हें दवाइयां सुझाई , जो जेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई । वहीं कुछ रोगियों को शुगर व ब्लड प्रेशर की शिकायत होने से उन्हें नियमित दवा लेने की सलाह दी गई।
इसके साथ ही डाक्टरों ने बंदियों को बताया की छोटी चोट लगती है या किसी को खरोंच आती है,तो तत्काल फर्स्ट एंड बाक्स का उपयोग कर मलपम पट्टी करें। खून बहता है तो तत्काल पट्टी बांधकर खून बहना रोके ओर संबंधित व्यक्ति को डाक्टर को दिखाए।
शिविर में जेल अधीक्षक लक्षमणसिंह भदौरिया, जेलर ब्रजेश मकवाने सहित बड़ी संख्या में बंदी उपस्थित थे। जेल में वर्तमान में 524 बंदी है। इनमें 26 महिलाएं शामिल है। महिला बंदीनियों का स्वास्थ्य परीक्षण स्त्री रोग चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा किया गया।
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