बिजली के तारो से दूर रहकर करे पतंगबाजी,
विधुत विभाग ने की अपील,
मुकेश खेड़े
बड़वाह/ चाइनीज मांझे से उड़ाई जा रही पतंगें बिजली लाइनों को भी नुकसान पहुंचा रही हैं। इसकी वजह से लाइनें फॉल्ट हो रही हैं फॉल्ट सुधारने के लिए बिजली सप्लाय रोकना पड़ रही है। इसलिए बिजली कंपनी ने मकर संक्रांति पर चाइनीज मांझा इस्तेमाल नहीं करने और बिजली लाइन, खंभों और ट्रांसफॉर्मर से दूर रहकर पतंगबाजी करने की अपील की है। चाइनीज मांझे से उड़ाई जाने वाली पतंगें किसी मुसीबत से कम नहीं है, क्योंकि चाइनीज मांझा मैटेलिक पाउडर से तैयार किया जाता है। वहीं, पतंग बनाने में इस्तेमाल होने वाली बांस की लकड़ी भी गीली होने पर विद्युत प्रवाहक के तौर पर काम करती है। इसके कारण इसमें बिजली का प्रवाह बहुत आसानी से होता है।
कटी पतंग के साथ मांझा बिजली लाइन पर गिरने से न सिर्फ उसमें फॉल्ट हो जाता है, बल्कि तार के टूटने और कंडक्टर के डैमेज होने तक का खतरा बढ़ जाता है। इस ठीक करने में भी काफी समय लगता है। इस दौरान बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है। इससे पतंग उड़ाने वाले को भी नुकसान पहुंच सकता है। इतना ही नहीं,चाइनीज मांझे की डोर से राहगीरों के अलावा पशु-पक्षियों की जान पर भी बन जाती है। चुकी मकर संक्रांति पर्व पर सबसे ज्यादा पतंग उड़ाई जाती है जिसमे चाइनीज मांझे का इस्तेमाल भी इसी के आसपास सबसे ज्यादा होता है। लिहाजा, बिजली विभाग ने
एहतियात के तौर पर लोगो को अपील की है कि पतंगे भले उड़ाएं,
लेकिन बिजली लाइनों से दूर रहकर खास तौर पर चाइनीज मांझे का इस्तेमाल नही करें तो बेहतर है।
वर्जन...
मकर संक्रांति पर सबसे ज्यादा पतंगें उड़ाई जाती हैं। जिसमे इस्तेमाल चाइनीज मांझा लोगों के साथ-साथ बिजली लाइनों के लिए भी खतरा है। साथ ही पतंग में लगी बांस की लकड़ी गीली होने पर विद्युत प्रवाहक होती है। इससे न सिर्फ करंट लगने का खतरा होता है, बल्कि लाइन फॉल्ट भी हो जाती है। इसलिए आम लोगो से अपील है कि बिजली की लाइन, खंभों और ट्रांसफॉर्मर से दूर रहकर पतंगबाजी करे और अगर पतंग बिजली के खंभे या लाइन में उलझ जाए तो उसने निकालने का प्रयास नहीं करें।
कार्यपालन यंत्री सौरभ साहू
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