उज्जैन के भारत माता मंदिर के सामने जन्माष्टमी पर 200 से अधिक स्वयंसेवकों ने एकलय में बजाई बांसुरी। On Janmashtami in front of Bharat Mata Mandir in Ujjain, more than 200 volunteers played flute in a singular manner.

 उज्जैन के भारत माता मंदिर के सामने जन्माष्टमी पर 200 से अधिक स्वयंसेवकों ने एकलय में बजाई बांसुरी। 

सुनील कवलेचा दबंग देश ।

उज्जैन। जन्माष्टमी पर्व पर उज्जैन में भारत माता मंदिर के सामने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े 200 से अधिक स्वयंसेवकों ने एकलय में बांसुरी की धुन पर कृष्ण के भजन बजाए। ये धुन संघ के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों ने 3 महीने के प्रक्षिक्षण शिविर के दौरान सीखी। स्वंयसेवकों ने कोरोना के मुश्किल समय में तीन महीने में ऑनलाइन क्लास के जरिए बांसुरी बजाना सीखा।


कार्यक्रम में स्वयंसेवक संघ उज्जैन महानगर द्वारा हर साल की तरह इस साल भी कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर बांसुरी वादन के कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान कोरोना से बचाव के नियमों का पालन भी किया गया। बांसुरी वादन के दौरान क्षेत्रीय संघचालक अशोक सोहनी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता अखिल भारतीय सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख जगदीश प्रसाद ने कहा कि बंसी और शंख दोनों ही वाद्य श्रीकृष्णा को प्रिय हैं और वे इसका वादन भी करते थे। बांसुरी हमें प्रेम का संदेश देती है। जन्माष्टमी पर हमें समाज की असमानता को दूर कर देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए।

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