" सुनील खंडेलवाल (टोपी) को उच्च न्यायालय से मिली जमानत "
गजेन्द्र माहेश्वरी
नीमच :- कलर चढ़ाकर धनिये कि निंबाहेड़ा से इंदौर की ओर सप्लाई करने वाले मामले में आज एक और मोड़ आया है। जानकारी के अनुसार मामले में फरार चल रहे सुनील टोपी उर्फ सुनील खंडेलवाल और अमित संघवी की ओर से 9 जून को
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के अभिभाषक विनायक बालचंदानी की ओर से जमानती आवेदन पेश किया गया।
इस वेदन में आरोपी के वकील की ओर से माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष तर्क पेश किए गए हैं कि प्रकरण में खाद्य अधिकारी संजीव मिश्रा द्वारा विधि के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। साथ ही प्रथम सूचना रिपोर्ट और राज्य खाद्य प्रयोगशाला का जांच प्रतिवेदन अपने आप में काफी विरोधाभास है। जिसके चलते आरोपी सुनील खंडेलवाल को गृह मंत्रालय दिल्ली के आदेशानुसार रासुका की कार्रवाई से मुक्त किया जा चुका है। साथ ही पूरे प्रकरण में उनके खिलाफ जो भी सबूत एकत्र किए गए हैं वह भी आरोपी की गिरफ्तारी के लिए काफी नहीं है।
प्रार्थी सुनील खंडेलवाल ने बताया कि वह जिले के एक प्रतिष्ठित व्यापारी है और खाद्य अधिकारी द्वारा उन्हें झूठा फंसाया गया है। साथ ही उनसे कोई भी ज़ब्तीया नहीं हुई है। इस पर माननीय न्यायालय द्वारा अभिभाषक विधायक बालचंदानी के तर्को से सहमत होते हुए सुनील खंडेलवाल को अग्रिम जमानत का लाभ देते हुए गिरफ्तार नहीं करने का आदेश पारित किया गया है। इसी क्रम में आरोपी अमित संघवी की ओर से भी अभिभाषक द्वारा प्रस्तुत तर्को से सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को सशर्त अनुसार जमानत दे दी गई है।
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