पत्रकारों के साथ दोगलापन ना दिखाएं सरकार
अपनी म्रत्यु की परवाह किये बिना अपनी जान जोखिम डालकर कवरेज करते हैं
करण ठाकुर
पन्ना - मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोविड 19 के खतरनाक काल मे अपनी म्रत्यु की परवाह किये बिना अपनी जान जोखिम में डाल कर अपने धर्म का निर्वहन करने वाले मध्यप्रदेश के सभी अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने का जो निर्णय किया है उसका स्वागत है। यह अधिमान्य पत्रकारों को मिलना भी चाहिए। किन्तु युवा पत्रकार कल्याण संघ के जिला अध्यक्ष करण सिंह ठाकुर मध्यप्रदेश सरकार से प्रश्न पूछना चाहते है कि क्या अधिमान्य पत्रकार ही कवरेज करते है जोखिम करते है
गैर अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार नही होता तो उन्हें छांट दिया और भेदभाव किया गया बल्कि सभी को फ्रंट लाइन वर्कर करी घोषित गजेन्द्र माहेश्वरी
नही लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ में अधिमान्य पत्रकार के अलावा कई प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, चैनल वेबसाइट, सभी पत्रकार संघ, डिस्क सिटी चैनल छोटे मझोले पत्रकार, कैमरामैन, फ़ोटो ग्राफर , संवाददाता, चीफ ब्यूरो, रिपोर्टर अपने कार्य को गतिशीलता प्रदान करते है। अधिमान्य पत्रकारों की संख्या सीमित होती है। इस हेतु सरकार के द्वारा लालीपाप दे दिया गया। जब कभरेज वाह वाही करवाना होता है तो हम सभी गैर अधिमान्य पत्रकार ही आप सभी की बातों को जनता जनार्दन के समक्ष प्रस्तुत करते है। कई पत्रकार संघठन इसका खुलकर विरोध करना शुरू कर दिए है। जान सभी की प्रिय होती है क्या गैर अधिमान्य पत्रकार आपकी श्रेणी में नही आते है। तो फिर जन सम्पर्क कार्यालय क़्यों खोले गए है।
0 Comments