माँ भगवती कंट्रक्शन कम्पनी की लोडिंग पर्ची का क्या है खेल.....?
गजेन्द्र माहेश्वरी
मंदसौर :- मल्हारगढ तहसील में रेती की रायल्टी का ठेका माँ भगवती कंट्रक्शन कम्पनी का है इन्ही को रेती की रायल्टी की वसूली कर रसीद जारी करना होती है,लेकिन चर्चा यह है कि इस कम्पनी के कर्मचारी हो या कोई और रेती रायल्टी की वसूली तो करते है और रसीद भी जारी करते है वह होती है फर्जी याने लोडिंग पर्ची यह ओरिजनल रसीद नही है इससे केवल ठेकेदार को फायदा ओर शासन को चुना लगाकर राजस्व की हानि पंहुचाने का खुला खेल खेला जा रहा है, इनकी नकली पर्ची से टेक्टर ओर जो वाहन रेती ढोने का कार्य कर रहे उनको वाहन पकड़ाने का भय बना रहता है।
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पुलिस और खनिज विभाग द्वारा समय समय पर चेकिंग की जाती और जब वाहन पकड़ में आते है तो रसीद दिखाने पर यह लोडिंग पर्ची फर्जी बताकर रेती चोरी का मामला बनाकर कार्यवाही करते है और वाहन जपत कर पेनल्टी वसूलते है,जबकि वाहन मालिक रेती की रायल्टी चुकाने के बाद ठेकेदार की जारी फर्जी लोडिंग पर्ची से ठगा जाता है जबकि कार्यवाही में असली गुनाहगार फर्जी रसीद जारी करने वाला ठेकेदार है उंस पर कार्यवाही होनी चाहिये उसकी जगह होती है वाहन मालिक पर।
ठेकेदार देते लोडिंग की रसीद रायल्टी की ओरिजिनल रसीद ऑनलाइन ओटीपी वाली देने पर कुछ राशि ठेकेदारों को व कुछ अंश शासन को जाता है इसलिए शासन को राजस्व का चूना लगाने के लिए ओटीपी लेट आने का बहाना बनाकर लोडिंग पर्ची दी जाती है। जिससे कितनी रेती कितनी राशि और कौन कंपनी कोई जानकारी नहीं होती, अगर कोई पूछता है तो कभी कभी ओरिजिनल पर्ची दे देते हैं। पहले भी एक जगह फर्जी रसीदो का भंडाफोड़ होने पर हुई थी कार्रवाई साल भर पहले मन्दसौर में तहसीलदार द्वारा रॉयल्टी की रसीदे फर्जी के आधार पर ट्रैक्टर चालकों पर कार्रवाई की थी तब मल्हारगढ़ तहसील के मंशाखेड़ी के लोगों ने 11 फरवरी को ठेकेदार के लोगों को पकड़कर थाने ले गए और नारायणगढ़ थाने का घेराव किया था
वह रिवाल्वर से डराकर रेती की फर्जी रसीदें काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी तब काफी समय बाद ठेकेदारों के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था अभी भी मल्हारगढ क्षेत्र में ठेकेदार मां भगवती कंस्ट्रक्शन कंपनी के लोगों के द्वारा ओरिजिनल रसीद जारी ना करते हुए रेती भरने वाले वाहनों को लोडिंग वाहन की पर्ची ही दी जाती है और ठेकेदारों से ओरिजिनल रसीद वाहन मालिकों द्वारा मांगने पर उन्हें रेती ना भरने का डर दिखाया जा कर फर्जी पर्ची लेने पर मजबूर किया जाता है। इस फर्जी कांड की अगर जांच करें तो शासन को अभी तक लगाए गए लाखों रुपए के चुने की पोल तो खुलेगी वही ठेकेदार द्वारा की गई अवैध कमाई की कारगुजारी भी सामने आएगी जिला प्रशासन को इस और सख्त कदम उठाकर संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश जारी करना चाहिए।
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