कोरोना काल में वार्षिक परीक्षा बनी चुनौती
7 शिक्षक पोजेटिव
झाबुआ दबंग देश के लिए मनोज उपाध्याय
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प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए वर्ष भर अपनी पढ़ाई का अलग महत्व होता है वर्ष भर पढ़ाई के बाद बच्चा अपनी प्रतिभा का मूल्यांकन कर वर्षभर शिक्षकों द्वारा कराए गए अध्ययन के बाद आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहता है किंतु 2020 से कोरोना आरंभ हुआ है थमने का नाम नहीं ले रहा है शासन-प्रशासन भले ही कोरोना संक्रमण को लेकर नित्य नई गाइडलाइन जारी कर आम जनों को सुरक्षित रहने के निर्देश दे रहे हैं 23 मार्च 2020 से कोरोना काल ने बच्चों को स्कूल से ऐसा भयभीत कर दिया है कि बच्चे पढ़ाई से जी चुरा रहे हैं
ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर भी निजी स्कूलों में लूट सी मची हुई है और कोरोनो काल में बच्चों के अभिभावक के हालात दुबलो के दो आसार जैसी हो चली है वही शासकीय स्कूलों का भी यही हाल है दूरस्थ ग्रामीण अंचल में पदस्थ शिक्षकों की परेशानी अधिक है क्योंकि हर बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ाई हेतु एंड्राइड मोबाइल उपलब्ध नहीं है तो ग्रामीण बच्चे पढ़ने से जी चुरा रहे हैं शासन को काल में भी ग्रामीण क्षेत्रों में हमारा घर हमारा विद्यालय योजना चलाकर सीमित बच्चों को शिक्षक पढ़ाई करा रहे हैं इस विकास खंड में कक्षा 9 लगाकर 12वीं में विभिन्न स्कूलों में सीमित संख्या में पढ़ाई अभियान जारी है ऐसे में संस्था प्रभारी द्वारा सोशल डिस्टेंस के साथ विभिन्न ग्रुप के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई अभियान से जोड़ा जा चुका है कोरोनो काल में वर्ष भर से या कई माह पूर्व स्कूल बंद रहने के बाद शासन ने माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड ने प्रश्न बैंक बनाकर बच्चों को उपलब्ध करवाई है जिससे उनकी प्रतिभा का मूल्यांकन के साथ परीक्षा दे सकेंगे बच्चों के समक्ष चुनौती यह है कि सीमित पढ़ाई के साथ परीक्षा देना उनके लिए कठिन चुनौती होगा जो बच्चे पढ़ाई में अव्वल है तो परीक्षा में तो कतई विचलित नहीं होंगे किंतु किंतु कमजोर बच्चों का क्या होगा जो पढ़ाई से आज भी जी चुरा रहे हैं
,,, कई शिक्षक कोरोना पॉजिटिव,,,
कोरोना की दूसरी स्टेट के चलते शिक्षा के शिक्षा के मंदिर के पुजारी का शिक्षक भी कोरोना की चपेट में हैं कन्या हाई स्कूल सकूल के 3 थांदला उत्कृष्ट विद्यालय के 2,,ग्रामीण शिक्षक 3 होम क्वॉरेंटाइन होकर स्वास्थ्य लाभ लेकर शासन की योजना का पालन कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं ऐसे में जवाबदारी ग्रामीण बच्चों की भी आती है जो भीषण गर्मी में भी कोरोना संक्रमण के चलते उनके ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा का कोई देखभाल करने वाला नहीं है अधिक ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का कहर बढ़ता है तो इस स्टेप को संभालना मुश्किल होगा शासन प्रशासन से यही अनुरोध है कि कोरोनावायरस के साथ बच्चों का भी जनरल प्रमोसन होना चाहिए ,,,,
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