जिले में ऑनलाइन कार्य का बन रहा मजाक Online work is becoming a joke in the district

जिले में ऑनलाइन कार्य का बन रहा मजाक Online work is becoming a joke in the district

दबंग देश धार पंकज प्रजापति

जी हां धार जिला एक ऐसा जिला हैं जहां आनलाइन कार्य किसी कांड से कम नही है। फिर चाहे वह रजिस्ट्री का हो या जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र का या फिर ऑनलाइन बैंक कियोस्क का या फिर आधार सेंटरों का। हर और ऑनलाइन काम करने वालो ने अपने स्वर्थ और लक्ष्मी लालसा के चलते किसी भी ऑनलाइन काम को करवाने आये आवेदकों से छुट्टी लूट मचा रखी है और इस काम को करने में ऑनलाइन कार्य करने वालो की कमाईं सेकड़ो में नही हजारों में होती जा रही है।



कैसे और किस काम से हो रही हजारों की कमाई एक दिन की

आज के डिजिटल इंडिया परिवेश में सबसे पहले डिजिटल जन्मप्रमाण पत्र मांगा जा हैं जो कि किसी न किसी जगह शासकीय या गैर शासकीय कार्य मे अनिवार्य कागज के रूप में लगाया जाता है। और इसी कागज को डिजिटल बनवाना पहाड़ की चढ़ाई करने जैसा कुछ ऑनलाइन की दुकान चलाने वाले लोगो ने कर दिया है। ये लोग योजनाबद्ध तरीके से आवेदकों को गुमराह कर आवेदकों के आगे ऑफिस और अस्पताल के चक्करों के धक्के खाने का दृश्य इस तरह निर्मित कर देते है कि आवेदक सोच कर ही घबरा जाता है और फिर दुकानदारों की मन मांगी राशि उन्हें दे देता है। इस तरह जिस जन्मप्रमाण को केवल निशुल्क जैसी नाममात्र की राशि मे बनना है उसे धार जिले के बदनावर तहसील और सरदारपुर तहसील के आनलाइन दुकान संचालक "तीन से चार अंको की राशि" वसूल कर बना रहे है।

पैसों की लूट तो ठीक है लेकिन बदनावर तहसील में नियम के विरुद्ध हो रहे काम

बात की जाए नियमो की तो बदनावर तहसील के अंदर नियमो की धज्जियां उड़ना कुछ ऑनलाइन की दुकानदारो के लिए बच्चो के खेल जैसा हो गया है। इस तरह के मामले अमझेरा थाना की सीमा में आने वाले ग्राम चिराखान में पूर्व में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनना पाए गए थे जिस पर जिले के प्रमुख मीडिया साथियों द्वारा जिम्मेदार कर्मचारियों एव प्रशासन को सचेत भी किया गया था। लेकिन आज भी सूत्रों के हवाले उक्त गांव से इस तरह के नियम विरुद्ध कार्य होने की बात सुनाइ देने लगी है। फिलहाल सूत्र ने नाम नही छपवाने की शर्त रखी है।

जब उक्त धांधली को लेकर एमपी ई गवर्नेंस के अधिकारियों से चर्चा करनी चाही तो सम्पर्क नही हो सका।

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