भगवान ने राजा बलि का अभिमान चूर करने के लिए वामन का रूप धारण किया - मदन मोहन महाराज
कलयुग में केवल राम नाम का स्मरण मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति की
मुकेश खेड़े दबंग देश
बड़वाह श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ श्री श्री 1008 श्री नारायण देवाचार्य महाराज की प्रेरणा से एवं श्री श्री 1008 धन्ना पीठाधीश्वर श्री बजरंग देवाचार्य महाराज
रामधाम आश्रम तामडिया, चाकसू, जयपुर धुआँ कलाँ, टॉक,जयपुर राजस्थान के सानिध्य में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन नावघाट खेडी स्थित विरक्त कुटी सभागृह में कथा मुख्य यजमान रमेश कुलवाल मिर्ची वाले जयपुर द्वारा कराई जा रही है। कथा के तीसरे दिवस शुक्रवार को जयपुर से पधारे कथा वाचक मदन मोहन महाराज ने कहा कि कलयुग का प्रभाव जहां लोगों के लिए पापकारी है। वहीं भगवान की प्राप्ति के लिए एक अत्यंत सुगम रास्ता भी है। कलयुग में केवल राम नाम का स्मरण मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है।
गजेंद्र मोक्ष और प्रहलाद चरित्र के वर्णन करते हुए कथा वाचक मदन मोहन महाराज ने कहा कि गजेंद्र को अत्यंत पीड़ित देखकर भगवान विष्णु गरुड़ की पीठ से कूद पड़े और गजेंद्र के साथ ग्रह को भी सरोवर से बाहर खींच लाए और तुरंत अपने तीक्ष्ण चक्र से ग्राह का मुंह फाड़कर गजेंद्र को मुक्त कर दिया। ब्रह्मादि देवगण श्री हरि की प्रशंसा करते हुए उनके ऊपर स्वर्गिक सुमनों की वृष्टि करने लगे।इस दौरान नावघात खेडी सहित जयपुर इंदौर महाराष्ट्र समेत आसपास के क्षेत्रों से भागवत गीता सुनने के लिए श्रद्धालु मौजूद रहे। कथा में मुख्य कार्यकर्ता सत्यनारायण गोयल रामेश्वर तारवर मास्टर (त्रिवेणी धाम) राम गुप्ता मुकेश यादव रामरतन घोंसला भवर राठौड़ हुकुमचंद गोयल मथुरा प्रसाद तिवारी रमेश शर्मा नारायण सैनी ब्रह्मदत्त शर्मा मौजूद रहे।
भगवान ने राजा बलि का अभिमान चूर करने के लिए वामन का रूप धारण किया
कथा वाचक मदन मोहन महाराज ने भगवान वामन व राजा बलि प्रसंग का व्याख्यान करते हुए कहा कि राजा बलि को यह अभिमान था कि उसके बराबर सामर्थ्य इस संसार में कोई नहीं है। भगवान ने राजा बलि का अभिमान चूर करने के लिए वामन का रूप धारण किया और भीक्षा मांगने राजा बलि के पास पहुंच गए। अभिमान से चूर राजा ने वामन को उसकी इच्छानुसार दक्षिणा देने का वचन दिया। वामन रूपी भगवान ने राजा से दान में तीन पग भूमि मांगी। राजा वामन का छोटा स्वरूप देख हंसा और तीन पग धरती नापने को कहा इसके बाद भगवान ने विराट रूप धारण कर एक पग में धरती आकाश दूसरे पग में पाताल नाप लिया और राजा से अपना तीसरा पग रखने के लिए स्थान मांगा। प्रभु का विराट रूप देख राजा का घमंड टूट गया और वह दोनों हाथ जोड़कर प्रभु के आगे नतमस्तक होकर बैठ गया और तीसरा पग अपने सर पर रखने की प्रार्थना की।
आज कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जायेगा
श्रीमद् भागवत के कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसे लेकर मुख्य कार्यकर्ता
सत्यनारायण गोयल द्वारा विशेष तैयारी की गई है।भागवत कथा के आयोजन होने से पूरे क्षेत्र में भक्ति ओर उत्साह का माहौल बना हुआ है। श्रीमद्भगवत कथा को श्रवण करने के लिये के श्रोताओं की भीड़ उमड़ रही है।
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