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बच्चों ने सुनी देश के प्रधान मंत्री मोदी जी से परीक्षा पर चर्चा। The children listened to the discussion on the examination with the Prime Minister of the country, Modi ji.

 बच्चों ने सुनी देश के प्रधान मंत्री मोदी जी से परीक्षा पर चर्चा।  

दबंग देश विजय मालवी 

अलीराजपुर (खट्टाली) 

स्थानीय हॉयर सेकेंडरी स्कूल में शाला के छात्र छात्राओं ने दैश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परीक्षा पर चर्चा सुनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह 'परीक्षा पे चर्चा' (पीपीसी) में छात्रों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 

स्थानीय हॉयर सेकेंडरी स्कूल में शाला के छात्र छात्राओं ने दैश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परीक्षा पर चर्चा सुनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह 'परीक्षा पे चर्चा' (पीपीसी) में छात्रों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने परीक्षाओं को मनोरंजक और तनाव मुक्त बनाने से संबंधित पिछले पीपीसी कार्यक्रमों के विषय और व्यावहारिक सुझाव भी साझा किए। प्रधानमंत्री ने शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, 'मैं परीक्षा के तनाव को दूर करने के तरीकों पर सामूहिक रूप से रणनीति बनाने के लिए

 परीक्षा योद्धाओं की सबसे यादगार सभा 'परीक्षा पे चर्चा' का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं। आइए उन परीक्षा निराशाओं को अवसरों की खिड़की में बदल दें...' परीक्षा पर चर्चा से जुड़े बड़े अपडेट यहां जानिए।   

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से छात्रों ने सवाल किया कि वो परीक्षा और सिलेबस के प्रेशर को कैसे हैंडल करें। इसके जवाब में पीएम ने कहा, 'हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है। 

किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए।'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। 

आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है... उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है। असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे।। 

प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षकों को टिप्स देते हुए कहा कि बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए। शिक्षक का काम सिर्फ जॉब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, 

यही परिवर्तन लाता है। परीक्षा के तनाव को विद्यार्थियों के साथ-साथ पूरे परिवार और टीचर को मिलकर एड्रेस करना चाहिए। अगर जीवन में चुनौती और स्पर्धा ना हो, तो जीवन प्रेरणाहीन और चेतनाहीन बन जाएगा। इसलिए कॉम्पटिशन तो होना ही चाहिए, लेकिन हेल्दी कॉम्पटिशन होना चाहिए।

प्रधानमंत्री से एक छात्र ने सवाल किया कि पढ़ाई के साथ-साथ हमारे लिए व्यायाम और खेल कितना जरूरी है। इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह मोबाइल को इस्तेमाल करने के लिए उसे चार्जिंग और रिचार्ज की जरूरत है, ठीक वैसे ही हमारे शरीर को रिचार्ज करना जरूरी है। स्वस्थ रहना सबसे जरूरी है। 

अगर हम स्वस्थ नहीं रहेंगे तो परीक्षा में बैठने की सामर्थ्य नहीं होगी। कभी कभी सूर्य के प्रकाश में बैठिए। इसके अलावा नींद को महत्व दें, परीक्षा से पहले अच्छी नींद जरूरी है। इसलिए जब भी मम्मी बोलें सो जाओ तो सोना चाहिए।

 रील्स पर समय बिगाड़ने से नींद को कम आंक रहे हैं। इस अवसर पर शाला के समस्त शिक्षकगण स्टॉप मौजद रहा।कार्यक्रम के पश्च्यात शाला के कुछ बच्चों द्वारा पूर्व में रक्तदान किया था।जिन्हें उपसरपंच शुभम मेहता द्वारा हेलमेट वितरण किये व बच्चों में रक्तदान के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास हेतु प्रेरित किया।

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