ग्राम सिरपुर स्वास्थ्य विभाग के नक्शे से ही गायब Village Sirpur disappears from the map of health department

 ग्राम सिरपुर स्वास्थ्य विभाग के नक्शे से ही गायब

सिरपुर में झोलाछापों की भरमार आमजन की जान से हो रहा खिलवाड़ और जब जांच आए तो हम पत्रकार

शुभम पवार दबंग देश न्यूज

बुरहानपुर।मामला जन स्वास्थ्य एवं जनहित से जुड़ा हुआ है, शायद इसीलिए विभाग सुस्त है वहीं अगर मामला वित्त से जुड़ा हुआ होता तो उचित समय उचित कार्रवाई हो जाती, खैर गरीबों की जान बडी सस्ती है, कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग इस पर मोहर लगा रहा है 

बुरहानपुर।मामला जन स्वास्थ्य एवं जनहित से जुड़ा हुआ है, शायद इसीलिए विभाग सुस्त है वहीं अगर मामला वित्त से जुड़ा हुआ होता तो उचित समय उचित कार्रवाई हो जाती, खैर गरीबों की जान बडी सस्ती है, कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग इस पर मोहर लगा रहा है

 हम बात कर रहे हैं ग्राम सिरपुर और आसपास फैले झोलाछापों के जाल की जिसमें हमारे क्षेत्र की गरीब एवं भोली भाली जनता बड़ी ही आसानी से फंस रही है और कार्रवाई के नाम पर विभाग पंचनामे पर पंचनामें बनाता है और उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जब कभी स्वास्थ्य अमला छापामारी के लिए आता है तो यह सब अपनी दुकान बंद करके भाग जाते हैं, 

और दुकान बंद देखकर स्वास्थ्य विभाग का अमला भी वापस चला जाता है, उन्हें कॉल करके बुलाना या बात करना भी उचित नहीं समझता, दुकान सील करना तो दूर..... कार्रवाई तक नहीं करते तो इसका क्या मतलब समझा जाए, कुछ लोग तो झोलाछापों को एकत्र कर उन्हें प्रेरित करने का कार्य भी कर रहे हैं जिले में, कहते हैं की कुछ नहीं होता आप कीजिए हम हैं

 कुछ हुआ तो सब कलेक्टर मैडम के पास इकट्ठे होकर चले जाएंगे और कहेंगे कि हम नहीं करेंगे तो स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी क्षेत्र में हाहाकार मच जाएगा, हम 50-50 रुपए में इलाज करते हैं, गरीब जनता को राहत देते हैं बस इसी ₹50 के चक्कर में जनता आ जाती है क्योंकि उसे नहीं पता कि आज ही उचित इलाज से वह सुधर सकते हैं

 पर 50-50 रुपए का प्रतिदिन इलाज करवा कर वह बीमारी बढ़ा लेते हैं फिर उन्हें जिला स्तर पर जाकर बड़ा हर्जाना भुगतना पड़ता है, इसके कई उदाहरण है! जब कभी इनसे पूछताछ होती है तो यह बगले झांकने लगते हैं एवं अन्य राज्यों के नियम कानून का हवाला देने लगते हैं, परंतु नियम यह है कि जिस राज्य में आप चिकित्सा व्यवसाय करेंगे उस राज्य के उस जिले में सीएमएचओ कार्यालय में आपका पंजीयन होना आवश्यक है, 

परंतु यह बातें अन्य राज्यों के नियमों की करने लगते हैं जो की तर्कसंगत नहीं है कई झोलाछापो पर कार्यवाही के दौरान तो अंग्रेजी दवाइयों का भंडारण भी पाया गया है, परंतु उन्हें देता कौन है एवं बिना खुदरा लाइसेंस के दवाइयों का भंडारण कैसे कर लेते हैं समझ नहीं आता.... कहीं ना कहीं औषधि विभाग एवं झोलाछापों की सांठगांठ नजर आती है शायद इसीलिए आज तक इन पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई है!

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