सिद्ध चक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ
मनावर से नवीन प्रजापति
दिगंबर जैन धर्मावलंबी देश में बीती 20 नवंबर से 8 दिवसीय अष्टान्हिका पर्व मना रहे है इसके अंतर्गत अधिकांश मंदिरों में आठ दिवसीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान,नंदीश्वर विधान,आदि धार्मिक अनुष्ठान उमंग, उल्लास और भक्ति भाव से किए जाते हैं इसी तारतम्य में
धार जिले के मनावर में चैतन्य धाम स्थित महावीर जिनालय में आठ दिवसीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आज 1024 अर्घ्य चढ़ाकर व आहुति देकर विश्व शांति की कामना की गई
सबसे पहले सौधर्म इंद्र अनीता कमल पहाड़िया,कुबेर इंद्र ममता राकेश गोधा, सनत इंद्र पदमा अशोक पाटनी ,ईशान इंद्र गरिमा जितेंद्र वेद ,यज्ञ नायक आकांक्षा अनुराग चूड़ीवाला एवं चक्रवर्ती अनीता शांतिलाल अजमेरा सहित सभी इन्द्रो ने भगवान को पाण्डुकशीला पर विराजमान किया
इसके बाद विधानाचार्य बा.ब्र .अनिल भैया जी भोपाल द्वारा पहले मंगलाष्टक का पाठ, जल की शुद्धि ,चारों कोनों पर चार कलश की स्थापना कराकर सभी इंद्र इंद्राणियों की प्राशुक जल से शुद्धि कराई एवं माथे पर तिलक लगाया
प्राशुक जल से सौधर्म इंद्र ने श्री जी की अभिषेक शांति धारा कीअनुष्ठान के समापन अवसर पर स्वयं इंद्र ने भी वर्षा कर श्री जी का अभिषेक किया
इस विधान में मुख्य पात्र इंद्र इंद्राणियो सहित समाज के लगभग 50 से अधिक परिवार के सदस्य विधानाचार्य बाल ब्रह्मचारी अनिल भैया जी के मुखारविंद से एवं भजन गायिका मिनी जैन "धनुश्री "की स्वरलहरियों से सिद्ध भगवान की भक्ति आराधना उमंग उल्लास के साथ कर रहे हैं
विधान के अंतर्गत प्रतिदिन बढ़ते क्रम से मंडल जी पर 8-16-32 इस प्रकार आज आठवें दिन 1024 अर्घ्य सिद्ध भगवान को समर्पित किये आज विश्व शांति महायज्ञ के साथ विधान का समापन हुआ
चावल से निर्मित सुदर्शनीय मंडल की रचना पूजा पहाड़िया एवं निकिता सोगानी द्वारा की गईप्रतिदिवस नित्यपूजन के पश्चात सायं भजन गायिका मिनी जैन द्वारा 48 दीपको से भक्तामर जी का पाठ एवं महाआरती मे श्रद्धालु भक्ति में झूम उठते है
प्रति दिवस प्रवचन की श्रृंखला में बाल ब्रह्मचारी अनिल भैया जी ने कहा कि सिद्ध चक्र मंडल विधान को सभी विधानों का राजा कहा जाता है क्योंकि इस एक विधान में मुनिराजो एवं सिद्धों का गुणानुवाद के अलावा शांति विधान, पंच परमेष्ठी विधान , सहस्त्रनाम विधान भी समाहित है
विश्व पटल पर यह पहला विधान है जिसमे 51 मैना सुंदरिया बनीश्री मति मंजुला पहाड़िया द्वारा मंडल जी की 1008 परिक्रमा लगा कर मनावर सकल जैन समाज मे रिकार्ड कायम कर पुण्यार्जन किया
सकल जैन समाज द्वारा विधानाचार्य एवं भजन गायिका का तिलक लगाकर व श्री फल देकर सम्मानित किया विधान एवं यज्ञ के उपरांत वात्सल्य भोज रखा गया
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