अनुराग्यम् के संस्थापक श्री सचिन चतुर्वेदी को बेटियाँ फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गयाAnuragyam Founder Shri Sachin Chaturvedi honored by Betiyaan Foundation

अनुराग्यम् के संस्थापक श्री सचिन चतुर्वेदी को बेटियाँ फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया

सुशी सक्सेना, संचालिका अनुराग्यम

लाइफ स्टाइल एवं प्रदर्शनी बेटियाँ फाउंडेशन (उत्तर प्रदेश) द्वारा आयोजित की गई जिसका उद्देश्य वोमेन एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ाने और महिलाओं को जागरूक करने के लिए किया गया था। अनुराग्यम् के संस्थापक श्री सचिन चतुर्वेदी को प्रमुख अतिथि विनीत अग्रवाल शारदा (प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी और व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश) और सोनिया आनंद रावत (गायिका एवं वोमेन एंटरप्रेन्योर, देहरादून, उत्तराखंड) द्वारा सम्मानित किया गया। इस भव्य आयोजन में प्रमुख अतिथि ब्रह्माकुमारी सुनीता दीदी (उत्तर प्रदेश) और मुख्य अतिथि दिनेश कुमार जैन (अल्फा सेल्स कॉर्पोरेशन एवं सामाजिक कार्यकर्ता), डॉ अनुभूति चौहान (अरुणोदय संस्था की संस्थापिका, मेरठ, उत्तर प्रदेश), सोनिया वर्मा (प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट), कविता मेहरा (सशक्त नारी फाउंडेशन, संस्थापिका), के एस नेगी (निर्देशक, यू जी ई अवार्ड्स ग्रुप), दीक्षा नेगी (निर्देशक, दिवस मेकअप स्टूडियो), जैनब खान (फैशन ज्वेलरी आर्टिस्ट) उपस्थित रहे जिनका स्वागत बेटियाँ फाउंडेशन की संस्थापिका एवं निर्देशक द्वारा किया गया।



महिला सशक्तिकरण एवं बाल शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ हस्तशिल्प से बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई। समाज में महिलाओं का सशक्तिकरण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे समय के साथ बढ़ती जागरूकता के साथ देखा जा रहा है। इसके साथ ही, बाल शिक्षा को बढ़ावा देने का उद्देश्य भी नजर में रखा जा रहा है। एक महिला और बच्चे शिक्षित होने के बिना समाज का विकास संभावित नहीं है। हस्तशिल्प, भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो अधिकतर महिलाएँ बनाती हैं। इसके माध्यम से वे अपनी कौशल क्षमताओं का प्रदर्शन करती हैं और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करती हैं।

वस्तुओं की प्रदर्शनी वहाँ की रिच विरासत और कला का सुंदर प्रस्तुतीकरण करती है, जिससे लोगों को हस्तशिल्प की महत्वपूर्ण भूमिका का आदान-प्रदान होता है। इस तरह की प्रदर्शनी समाज में जागरूकता और समर्थन बढ़ाती है जो इस क्षेत्र के विकास को गति देता है। इस उद्यमन के माध्यम से, महिलाएँ अपनी आत्म-साक्षरता और आत्म-विश्वास को बढ़ाती हैं और समाज में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं। इसके अलावा, बच्चों को शिक्षित करने के माध्यम से उन्हें समाज में अपनी जगह बनाने का अधिक अवसर मिलता है। इस प्रकार, महिला सशक्तिकरण, बाल शिक्षा, और हस्तशिल्प का सशक्तिकरण समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करता है और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाता है।

यह आयोजन में महिलाओं की कला, संस्कृति और उद्यमिता का संगम बना, जो समुदाय में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए समर्पित व्यक्तियों और संगठनों को एक साथ जोड़ा गया। इस आयोजन का सफल कार्यभार दीपाली जैन (मेरठ जिला अध्यक्ष, बेटियाँ फाउंडेशन), डॉ संगीता वार्ष्णेय (जिला महासचिव, बेटियाँ फाउंडेशन) और शिवा गुप्त (जिला युवा अधिकारी, बेटियाँ फाउंडेशन) ने अपने कंधों पर उठाया। डॉ. ज्योत्सना जैन (राष्ट्रीय अध्यक्ष, बेटियाँ फाउंडेशन) और प्रांजल जैन (निदेशक, बेटियाँ फाउंडेशन) इस सफल आयोजन के साक्षी बने, जिनके जुनून और समर्पण द्वारा संगठन के मिशन को आगे बढ़ाने में और महिला सशक्तिकरण एवं बाल शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा अपना योगदान देते आए है।

Post a Comment

0 Comments