बड़वाह में सर्वपितृ अमावस्या पर चला तर्पण सहित पूजन-अनुष्ठान का दौर,जाम जैसी स्थिति बनी
हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी में स्नान किया
मुकेश खेड़े दबंग देश |
बड़वाह....श्राद्धपक्ष के समापन एवं सर्वपितृ अमावस्या के अवसर पर नावघाटखेड़ी के नर्मदा तट पर पूजन एवं स्नान करने वाले श्रद्धालुओ की भारी भीड़ देखी गई।इस दौरान एक तरफ घाट पर जहाँ अपने पित्तरो की शांति के लिए पूजन एवं तर्पण करवाने वालो का हुजूम था।तो वही दूसरी तरफ घाट पर अपने-अपने देवी-देवताओ,अराध्यो एवं शस्त्र-निशान की पूजा कर विशेष सिद्धि भी की गई।
इस दौरान तट पर बैठे दीन-हीनो को स्नान के लिए महिला-पुरुषो ने अन्न,वस्त्र,फल,भोजन आदि का दान देकर पूण्य लाभ भी प्राप्त किया।समय सुबह करीब 9 बजे का था पूरा तट ढ़ोल-ढमाको की आवाज से गूंज रहा था।एक तरफ लोग नर्मदा में स्नान एवं डूबकी लगाकर पूण्य लाभ की कामना कर रहे थे।तो वही दूसरी तरफ कमर तक पानी में खड़े लोग एक व्यक्ति को घेरे हुए हाथ जोड़कर खड़े थे।वह आँखे बंद कर हाथ में निशान-शस्त्र लिए कुछ मन्त्र बुदबुदा रहा था और बार बार सिर पर हाथ रख रहा था।इस दौरान अचानक सामने खड़ा शख्स भी आँखे बंद कर अचानक जोर जोर से हिलने लगा।
जिसे पड़ खड़े रिश्तेदारों ने सम्भाला।यह दृश्य पुरे घाट पर सुबह से देखे जा सकते थे।तट पर जगह-जगह इस तरह समूह पूजन पाठ करते नजर आया।इस पर तट वर्षो से पूजन पाठ करते आ रहे।पंडित गिरिजाशंकर अत्रे गोवा पंडित दिनेश जोशी ने बताया की जिन्हें देवी देवताओ की सवारी आती है।वे लोग इस श्राद्धपक्ष के दौरान किसी भी तरह की पूजा,धागा आदि नही करते है,क्योंकि वे श्राद्ध पक्ष को सूतक की तरह मानते है।
यही कारण है की वे अमवस्या पर स्नान कर अपने शस्त्रों के पूजन करते है और सुतक समाप्त करते है।ताकि नवरात्रि में वे अपने पूजन पाठ फिर से शुरू कर सके।यही कारण है की वे अपने भक्तो के साथ एक दिन पहेल ही यहाँ तट पर पहुंच जाते है।रातभर यही डेरा जमाकर भजन करते है।सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद पूजन-अनुष्ठान करते है।इसके बाद सुबह फिर से नर्मदा में स्नान कर अपने भक्तो को धागा,पूजन आदि की शुरुआत करते है।
हाथ रखते ही जमीन पर लौटने लगा युवक-तट पर पूजन के दौरान बड़े अजीब दृश्य भी देखने को मिले।इस दौरान जहाँ देव के पूजन के बाद एक युवक आँखे बंद कर ढोल पर नाचने लगा तो वही एक महिला भी पानी में खड़े रहकर जोर-जोर से चिल्लाने एवं नाचने लगी।महिला की तेज आवाज सुनकर सभी स्नानार्थी उसे ही देखने लगे।इसके बाद तट पर टेंट में पूजन कर दौर चल रहा था।दो बाबाओ को उनके भक्त घेरे हुए खड़े थे।
इसी दौरान एक युवक के सामने जैसे ही बाबा ने मन्त्र बुदबुदाये वह जमीन पर लौटने लगा।बाबा नर्मदा में स्नान के लिए जाने लगे भक्त उनके पीछे पीछे जमीन पर लौटते हुए आगे बढ़ने लगा।बड़े-बड़े पत्थर,कांटो से गुजरने के बाद भी उस पर कोई प्रभाव नही पड़ा।आख़िरकार नर्मदा जल में पहुंचने के बाद वह लड़खड़ाते हुए उठकर चलने लगा।
जाम जैसी स्थिति बनी-नर्मदा तट पर पूजन दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे थे।वे एक रात पहले ही यहाँ आ गए थे।यही कारण है की कोई बस,तो कोई आयशर या अन्य लोडिंग वाहन से आया था।ये वाहन घाट तक ले गए थे।इसी के चलते लौटने के दौरान ये वाहन भीड़ में फंसते नजर आए।राधाकृष्ण मन्दिर के सामने से लेकर अच्युतानंद आश्रम तक कई बार जाम जैसी स्थिति बनी ।
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