होम्योपैथीक डॉक्टर दीपशिखा सूर्यमुनि चिकित्सालय में प्रतिदिन देती है निशुल्क स्वास्थ सेवा Homeopathic doctor Deepshikha provides free health services daily in Suryamuni Hospital

 होम्योपैथीक डॉक्टर दीपशिखा सूर्यमुनि चिकित्सालय में प्रतिदिन देती है निशुल्क स्वास्थ सेवा Homeopathic doctor Deepshikha provides free health services daily in Suryamuni Hospital


राकेश सिंह चौहान दबंग देश 

बदनावर। सूर्यमुनि चिकित्सालय में पदस्थ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ दीपशिखा जेन विगत दो वर्षो से निशुल्क सेवाएं प्रदान कर रही है। डॉक्टर होने के साथ-साथ डॉक्टर दीपशिखा एक सफल ग्रहणी भी हैं सुबह का समय बच्चों एवं परिवार के साथ गुजार कर दोपहर में सूर्यमुनि चिकित्सालय में निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए पहुंच जती है। होंम्योपैथी के क्षेत्र में जागरूकता लाने के साथ उन्होंने मीठी गोलियों की ताकत से कई विषम बीमारियों को ठीक किया है ।

बदनावर। सूर्यमुनि चिकित्सालय में पदस्थ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ दीपशिखा जेन विगत दो वर्षो से निशुल्क सेवाएं प्रदान कर रही है। डॉक्टर होने के साथ-साथ डॉक्टर दीपशिखा एक सफल ग्रहणी भी हैं सुबह का समय बच्चों एवं परिवार के साथ गुजार कर दोपहर में सूर्यमुनि चिकित्सालय में निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए पहुंच जती है। होंम्योपैथी के क्षेत्र में जागरूकता लाने के साथ उन्होंने मीठी गोलियों की ताकत से कई विषम बीमारियों को ठीक किया है ।


डॉक्टर दीपशिखा ने बताया कि प्रतिवर्ष 10 अप्रैल को होम्योपैथी के जनक डॉक्टर हनीमैन का जन्मोत्सव होम्योपैथी डे के रूप में मनाया जाता है। आज वार्ड क्रमांक 7 में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जाएगा। होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति का जन्म 18 वीं शताब्दी के अंत में हुआ था और इसके संस्थापक जर्मनी के चिकित्सक सैमुअल हैनिमैन को माना जाता है। होम्योपैथी शब्द ग्रीक के दो शब्दों होमियोस और पैथोस से मिलकर बना है। होमियोस का मतलब एक समान और पैथोस का मतलब कष्ट (या रोग) होता है, जो होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के सिद्धांत “लॉ ऑफ सिमिलर को दर्शाता है।

होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली में न सिर्फ रोग का इलाज किया जाता है, बल्कि उसके कारण को जड़ से खत्म करके व्यक्ति को फिर से स्वस्थ भी किया जाता है। यदि सरल भाषा में कहें तो होम्योपैथी में न सिर्फ रोग का इलाज किया जाता है, बल्कि उसका कारण बनने वाली समस्याओं को ठीक करके जड़ से समस्या का समाधान किया जाता है। होम्योपैथी में रोग का निदान होमियोपैथ द्वारा किया जाता है, जिसमें रोगी के लक्षणों की जांच ही नहीं साथ ही साथ उसका समस्त शारीरिक परीक्षण किया जाता है। निदान के दौरान मरीज से उसके स्वास्थ्य संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनकी मदद से चिकित्सक रोग के प्रकार और उसका कारण बनने वाली स्थितियों का इलाज करते है। परीक्षण के दौरान मरीज की मानसिक स्थिति की जांच भी की जाती है, जिसके लिए उससे उसके जीवन की स्थिति, चिंता, भय, तनाव और अन्य मानसिक दबाव आदि के बारे में पूछा जाता है।

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