विश्वप्रसिद्ध जिनालय अमरकंटक में World famous temple in Amarkantak

 विश्वप्रसिद्ध जिनालय अमरकंटक में

  दबंग देश इंदौर

अमरकंटक दुनिया के सबसे बड़े अष्टधातु के मंदिरों में एक, जैन समाज का अबतक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट, अमरकंटक का सर्वोदय जैन मंदिर, बंसी पहाड़ के गुलाबी पत्थरों से ओडिशी शैली में निर्मित 

अमरकंटक दुनिया के सबसे बड़े अष्टधातु के मंदिरों में एक, जैन समाज का अबतक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट, अमरकंटक का सर्वोदय जैन मंदिर, बंसी पहाड़ के गुलाबी पत्थरों से ओडिशी शैली में निर्मित

शताब्दी के महान जैन साधक महामहिम दिगम्बराचार्य संत शिरोमणि विद्यासागर महाराज के सानिध्य में अमरकंटक की पावन धरा पर सर्वोदय जैन तीर्थ में नवनिर्मित भव्य और विशाल जैन मंदिर में विश्व की सबसे बड़ी भगवान् श्री आदिनाथ की अष्टधातु की 24 टन की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। जिस कमल पर प्रतिमा है, उसका वजन 17 टन है। गर्भगृह में भगवान आदिनाथ विराजित हैं के साथ परम्परानुसार अष्टमंगल चिह्न भी उत्कीर्ण किए गए हैं। प्रतिमा का आभामंडल विशाल है। दांए-बांए चंवरधारिणी तथा इनके ऊपर मंगल कलश स्थापित है। द्वार शाखाओं एवं सिरदल पर कमल पुष्पांकन है। प्रतिमा के वक्ष स्थल पर जैन प्रतिमा लांछन श्री वत्स बना हुआ है। मंदिर के शिखर की ऊँचाई 151 फ़ीट, लम्बाई 424 फ़ीट और चौड़ाई 11 फ़ीट हैं।भारत की प्रचीन पद्धति से बने जिनालय के मूलभवन में लोहे और सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया है। पत्थरों को तराश कर गुड़ के मिश्रण से आदिकालीन निर्माण की तकनीक का प्रयोग कर चिपकाया गया है। जिनालय में राजस्थानी शिल्पकारों की शिल्पकला अत्यंत मनमोहक है। राजेश जैन दद्दू ने बताया कि दीवारों मंडप, स्तंभों पर बनी मूर्तियां देख दर्शक मोहित हो जाते हैं।

बहुप्रतीक्षित श्रीमज्जिनेन्द्र प्राणप्रतिष्ठा पंचकल्याणक गजरथ महामहोत्सव 25 मार्च से दो अप्रैल 2023 तक संपन्न होगा। जिसमें विश्व भर से समाज जन पंचकल्याणक महोत्सव में शामिल होंगे

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