जयकारों से गूंजे जिनालय, अनंत चतुर्दशी पर हुए कलशाभिषेक Jinalaya echoed with cheers, Kalashabhishek took place on Anant Chaturdashi

 जयकारों से गूंजे जिनालय, अनंत चतुर्दशी पर हुए कलशाभिषेक


बनेठा:- टोंक जिले के उनियारा उपखंड के बनेठा कस्बे में दिगम्बर जैन समाज की ओर से मनाए जा रहे दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन शुक्रवार को सभी जैन मंदिरों में अनंत चतुर्दशी पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। समाज के हरीश जैन पांडया ने बताया कि जैन मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा वासुपूज्य भगवान की पूजा की गई और मन वचन काय से श्रीजी को लड्डू चढ़ाया गया।

बनेठा:- टोंक जिले के उनियारा उपखंड के बनेठा कस्बे में दिगम्बर जैन समाज की ओर से मनाए जा रहे दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन शुक्रवार को सभी जैन मंदिरों में अनंत चतुर्दशी पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। समाज के हरीश जैन पांडया ने बताया कि जैन मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा वासुपूज्य भगवान की पूजा की गई और मन वचन काय से श्रीजी को लड्डू चढ़ाया गया।


 कस्बे के सभी मंदिरों में भगवान का कलषाभिषेक किया गया। इस दौरान जयकारों से जिनालय गूंज उठे। साथ ही पुरुषों ने सफेद एवं महिलाओं ने पीले वस्त्र पहन कर श्रीजी की श्रद्धापूर्वक पुजा अर्चना की। पर्युषण पर्व के अंतिम दिन जैन समाज के लोगों ने व्रत रखा ।

इसके तहत मंदिरों में प्रात:काल जाप, अभिषेक, वृहद शांतिधारा की गई। वृहद शांतिधारा करने का सौभाग्य प्रेमचंद अजय जैन पांडया को और नेमीनाथ मन्दिर में बसंत कुमार, सुगनचंद को प्राप्त हुआ। ब्रह्मचर्य धर्म के बारे में जैन शास्त्र में बताया गया है कि समस्त धर्मों का राजा ब्रह्मचर्य धर्म है। ब्रह्मचर्य यानि ब्रह्म स्वरूप आत्मा में चर्या करके लीन होना। उसका आस्वादन करना ही वास्तविक उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म है। इस दौरान समाज के प्रवीण पांडया,पदम पांडया,पवन, धर्मचंद मेहंदीवाल, सुनिल पाटनी, रामावतार, विमल अग्रवाल, महावीर प्रसाद, हेमचंद सोगानी सहित कई श्रद्धालु उपस्थित थे।

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