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भागवत कथा, श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण करती है- बांके बिहारी Bhagwat Katha always blesses the listeners - Banke Bihari

 भागवत कथा, श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण करती है- बांके बिहारी 

भगवत कथा के दुसरे दिन शिव पार्वती विवाह का प्रसंग भी हुआ। 

प्रभु से बढ़कर कोई और सुख, सम्पदा नहीं होती है-बांके बिहारी

दबंग देश आगर मालवा

नगर की छावनी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में महिला मण्डल के तत्वाधान में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण के द्वितीय दिवस कथा में अमर कथा एवं शुकदेवजी के जन्म का वृतांत का विस्तार से वर्णन किया कथा वाचक बांके बिहारी महाराज (राधे सरकार)ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि आप सब पर ठाकुर जी की कृपा है। जिसकी वजह से आप आज कथा का आंनद ले रहे है। और श्रीमदभगवत कथा का रसपान कर पा रहें है। क्यूंकि जिन्हे गोविन्द प्रदान करते है जितना प्रदान करते है उसे उतना ही मिलता है। कथा में यह भी बताया की अगर आप भागवत कथा सुनकर कुछ पाना चाहते हैं, कुछ सीखना चाहते है तो कथा में प्यासे बन कर आये, कुछ सिखने के उद्देश्य से, कुछ पाने के उद्देश्य से आएं, तो ये भागवत कथा जरूर आपको कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ देगी। सृष्टि का पालन करता हैं और जब कोई आपत्ति आती है तो सृष्टि का संहार भी करता हैं। 



मनुष्य का जीवन सांसरिक भोग में नही कृष्णभक्ति में बिताए। 

मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है। उसका सारा ध्यान संसारिक विषयों को भोगने में ही लगा हुआ है। परन्तु मानव जीवन का उद्देश्य कृष्ण प्राप्ति सास्वत है अथवा हमारे जीवन का उद्देश्य कृष्ण को पाकर ही जीवन छोड़ना है और अगर हम ये दृढ़ निश्चय कर लेंगे की हमे जीवन में कृष्ण को पाना ही है तो हमारे लिए इससे प्रभु से बढ़कर कोई और सुख, संपत्ति या सम्पदा नहीं है। भगवत कथा के समय स्वयं श्रीकृष्ण आपसे मिलने आए है। जो भी इस भागवत के तट पर आकर विराजमान हो जाता है भागवत उसका सदैव कल्याण करती है, बिना जाती और बिना मजहब देखें इनसे आप जो मांगोगे ये आपको वो मनवांछित फल देती है और अगर कोई कुछ न मांगे तो उसे मोक्ष परियन्त तक की यात्रा कराती है गीत गाए बिना शांति नहीं मिलेगी। धर्म, संत, मां-बाप और गुरु की सेवा करो। जितना भजन करोगे उतनी ही शांति मिलेगी। संतों का सानिध्य हृदय में भगवान को बसा देता है। क्योंकि कथाएं सुनने से चित्त पिघल जाता है और पिघला चित ही भगवान को बसा सकता है। 

भगवत कथा के दुसरे दिन शिव पार्वती विवाह का प्रसंग भी हुआ। 

हाउसिंग बोर्ड कालोनी मे ंचल रही भागवत कथा के दुसरे दिन शिव विवाह का आयोजन किया गया जिसमें शिव भूतो की टोली के साथ बारात लेकर पार्वती को ब्याहने पहुंचे पण्डाल में निकली बारात में सभी झुमते गाते निकले। कथा वाचक बांके बिहारी महारात के सानिध्य में शिव पार्वती का विवाह सम्पन्न किया गया। इस अवसर पर बडी संख्या में भक्तगण पाण्डाल में मौजुद रहे। कथा विश्राम पर महाआरती कर प्रसाद बांटा गया।

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