म.प्र.जनअभियान परिषद ने शिप्रा नदी संरक्षण संगोष्ठी का आयोजन किया MP Jan Abhiyan Parishad organized Shipra River Conservation Seminar

 म.प्र.जनअभियान परिषद ने शिप्रा नदी संरक्षण संगोष्ठी का आयोजन किया। 

क्षिप्रा नदी संरक्षण हेतु संत समाज और शासन मिलकर करेंगे कार्य।

सुनील कवलेचा दबंग देश उज्जैन।

उज्जैन से निकली प्रसिद्व नदी क्षिप्रा के संरक्षण एवं सदा प्रवाहमान बनाने के लिए संगोष्ठी का आयोजन संस्था रूपांतरण कार्यालय पर आयोजित किया गया संगोष्ठी में म.प्र. जन अभियान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय द्वारा धार्मिक मान्यता अनुसार नदी को पवित्र अनुष्ठान माना गया है इसको सदा जीवित रखने के लिए मनुष्य को अपनी इच्छा शक्ति, ज्ञान शक्ति एवं क्रिया शक्ति के माध्यम से मनुष्य को नदियों के प्रति अपनी संवेदनाएं रखते हुए संरक्षण करना चाहिए। पुर्वज अपनी चेतना के माध्यम से नदी से संवाद कर चेतन्यता का अनुभव करते थे आज के परिवेश में हम सबका दायित्व बनता है कि क्षिप्रा नदी को स्वच्छ सदा निरा बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। नदी के दोनो और सघन वृक्षारोपण स्वच्छता का ध्यान रखते हुए नदी को माँ का दर्जा प्राप्त है इस आशय से परिवार के छोटे बच्चों को संस्कार के साथ साथ जीवनदायिनी नदियों का अध्ययन कराना चाहिए, एवं विदयालयीन पाठयक्रम में नदि संरक्षण विषय शामिल करना चाहिए।

नदी प्रेमी शशिकांत अवस्थी इंदौर द्वारा जल संरक्षण का कार्यकरते हुए अपने द्वारा जलसरंक्षण के 1500 छोटे तालाब, बड़े तालाब समाज के सहयोग से बनवाये गये है आपने कहा कि क्षिप्रा मैया का जन्म दिवस पर क्षिप्रा नदी का व्याख्यान आयोजित करना चाहिए। जिससे समाज में क्षिप्रा नदी के बारे में जानने का अवसर नागरिकों को मिलेगा। आपने कहा कि वनस्पति से प्राप्त बीजों का व्यवस्थित तरिके से जमीन में रोपण कर दिया जाये तो आने वाले समय में हरे भरे वृक्ष अधिक दिखाई पडेगे।

उज्जैन से निकली प्रसिद्व नदी क्षिप्रा के संरक्षण एवं सदा प्रवाहमान बनाने के लिए संगोष्ठी का आयोजन संस्था रूपांतरण कार्यालय पर आयोजित किया गया संगोष्ठी में म.प्र. जन अभियान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय द्वारा धार्मिक मान्यता अनुसार नदी को पवित्र अनुष्ठान माना गया है इसको सदा जीवित रखने के लिए मनुष्य को अपनी इच्छा शक्ति, ज्ञान शक्ति एवं क्रिया शक्ति के माध्यम से मनुष्य को नदियों के प्रति अपनी संवेदनाएं रखते हुए संरक्षण करना चाहिए। पुर्वज अपनी चेतना के माध्यम से नदी से संवाद कर चेतन्यता का अनुभव करते थे आज के परिवेश में हम सबका दायित्व बनता है कि क्षिप्रा नदी को स्वच्छ सदा निरा बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। नदी के दोनो और सघन वृक्षारोपण स्वच्छता का ध्यान रखते हुए नदी को माँ का दर्जा प्राप्त है इस आशय से परिवार के छोटे बच्चों को संस्कार के साथ साथ जीवनदायिनी नदियों का अध्ययन कराना चाहिए, एवं विदयालयीन पाठयक्रम में नदि संरक्षण विषय शामिल करना चाहिए।

रवि लंगर सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा क्षिप्रा नदी के संरक्षण के लिए सरकार एवं सी.एस. आर. फंड एवं जन भागीदारी के माध्यम से कई कार्य किये जा सकते है सचिन शिम्पी जिला समन्वयक जन अभियान परिषद द्वारा एन.जी.टी. में नदीसंरक्षण के कानून एवं अधिनियम के बारे में जानकारी प्रदान की। सोनू गेहलोत सभापति नगर निगम उज्जैन, सामाजिक चिंतक डॉ विमल गर्ग, आनंद मोहन पंडया, जे.पी.मिश्रा, अभिलाषजैन, रूपेश परमार, रजनी नरवरिया, करूणा शितौले, अजय भातखंडे, सचिन शिम्पी,अरूण व्यास द्वारा क्षिप्रा नदी पर आयोजित समूह चर्चा में अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन शिवप्रसाद मालवीय संभाग समन्वयक म.प्र. जन अभियान परिषद एवं आभार राजीव पाहवा रूपांतरण संस्था अध्यक्ष ने माना। जिला समन्वयक म.प्र. जन अभियान परिषद जिला उज्जैन रचना शर्मा द्वारा जानकारी दी ।

Post a Comment

0 Comments