सब्जियों के कम दाम से किसान परेशान
उचित दाम नहीं मिले तो गौ शाला में गायों को परोस रहे हरी सब्जियां
किसान बोले- पैसा नहीं तो पुण्य ही सही
चेतन जिराती सिंघाना
देश में एक तरफ जहां सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. दिल्ली में टमाटर की कीमतों ने संचुरी पार ली है, वहीं दूसरी तरह मध्य प्रदेश के मनावर के सिंघाना में किसान बैंगन और लौकी को मवेशियों को खिला रहे हैं. किसानों का कहना है कि बड़ी उम्मीद से उन्होंने सब्जियों की खेती की थी, अच्छी पैदावार भी हासिल हुई. पर अब परेशानी यह है कि उन्हें सब्जियां का कोई खरीदार नहीं मिल रहा है. पिछले 25 दिनों से थोक बाजार में बैंगन, लौकी, करेला खरीदने में कोई भी व्यापारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. खरीदार नहीं मिलने के कारण किसान अपनी फसल को बेचने के लिए मजबूर हैं या फिर अपनी फसल को वे मवेशियों को खिला रहे हैं.
बाजार में सब्जियों की इस स्थिति के कारण किसानों को लाखों रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. कई किसानों की पूंजी डूब गई है । खेती में नुकसान से निराश किसान अब इसकी खेती छोड़ने का मन बना रहे हैं। स्थानीय शोशल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिंघाना गांव के किसान पंकज राठौड़ ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो बनाकर प्रशासनिक अधिकारी व कृषि विभाग के साथ-साथ प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भी को जगाने की कोशिश की है, राठौड़ ने वीडियो में कहा की जब महानगरों में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे थे। तब मीडिया के अनुसार आम जनता की जेब पर असर पड़ रह था। लेकिन जब किसानों की मेहनत को अच्छा दम ना मिले उनकी फसलों का उचित दाम ना मिले तो कोई भी मीडिया खेतों तक जाकर किसानों के हाल टीवी व चैनलों पर नहीं दिखती है, साथ ही साथ किसानो ने बताया है कि कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए व अपनी आय बढ़ाने की उम्मीद से बैंगन की खेती की थी. पर जब खेत में बैंगन तैयार हुआ तो इसके दाम घट गए. आज बाजार में बैंगन 12-15 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 1-2 रुपये किलो पर आ गया है. जबकि पिछले साल किसानों को इसके अच्छे दाम मिले थे. इस साल तो हजारों क्विंटल बैंगन सड़ रहे हैं । साथ ही साथ कुछ किसान ने गौ शाला में भेज रहे हैं।
सब्जियों के कम दाम से परेशान किसान
उल्लेखनीय है कि समय पर वर्षा के कारण इस फसलो में बीमारियां और खरपतवार के साथ महंगी कीटनाशक से किसान पहले ही परेशान हैं। अब हरी सब्जियों के दामों में आई गिरावट ने किसानों की चिंता और भी अधिक बढ़ा दी है। मंडी पहुंचने वाली सब्जियों के दामों में भारी गिरावट से किसानों पर एक बार फिर आर्थिक संकट मंडराने लगा है। वहीं आश्चर्य की बात यह है कि मंडी में सब्जी लेकर पहुंचने वाले किसान कम दाम से परेशान हैं और घाटे में हैं।
बिचौलिए कर रहे जमकर कमाई
किसान का कहना है कि भले ही सब्जियां महंगी होने से आम जनता परेशान है, लेकिन इसका सीधा फायदा किसानों को नहीं मिल पा रहा है। देश के तमाम हिस्सों से महंगी सब्जियां राजधानी दिल्ली के साथ- साथ सभी मेट्रोपॉलिटन सिटीज में पहुंच रही हैं। लेकिन इसमें बिचौलिए ही कमाई कर रहे हैं। जिससे किसानों को इन महंगी सब्जियों का कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश के तमाम हिस्सों में बिचौलिए की ही कमाई बढ़ रही है। साथ में व्यापारी भी कमाई कर रहे हैं। जिससे किसानों के हाथ मे लागत मूल्य भी नही प्राप्त हो रहा है।
किसानों ने मदद की लगाई गुहार
किसान इसलिए भी अधिक हताश हो गए हैं क्योंकि कम कीमत मिलने और किसानों को नुकसान होने के बाद भी नेता और जिला प्रशासन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. किसी ने भी किसानों को आश्वासन नहीं दिया है। खुदरा बाजार में सब्जीया 20-25 रुपये किलोग्राम की दर से बिक रहा है पर थोक बाजार में बैंगन लौकी करेला को खरीदने वाला कोई व्यापारी नहीं मिल रहा है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। बता दें कि पिछले साल नवंबर से जुलाई तक सभी सब्जियों की अच्छी कीमतें मिली थीं। इससे उत्साहित होकर इस बार किसानों ने अधिक क्षेत्र में इसकी खेती की थी। हालांकि किसानों को इसका फायदा नहीं हुआ।
लागत निकालना मुश्किल किसान बोले पैसा नही तो पुण्य ही सही
माड़वी के किसान ने बताया कि उन्होंने लौकी की खेती करने के लिए प्रति एकड़ 25,000 से 30,000 रुपये तक की राशि खर्च की थी । इस तरह से उन्होंने लौकी की खेती करने के लिए लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्च किए थे. पर उन्हें लाभ नहीं हो रहा है। लोकी की अच्छी कीमत नहीं मिल पाने के कारण अब उन्हें अपनी लागत भी निकालने में भी मुश्किल हो रही है। उन्होंने कहा कि बाजार में लोकी के जिस तरह से दाम मिल रहे हैं उससे यह लगता है कि बाजार में बेचने के बजाय उसे मवेशियों को खिला दिया जाए, ताकि कम से कम मवेशियों का पेट अच्छे से भर जाएगा। जिसे पैसा नही तो पुण्य ही कमा लेंगे।
सिंघाना गौ शाला मैं आस पास से आ रही हरी सब्जियां
मनावर तहसील की सब से बड़ी गौ शाला मां हरसिद्धि गौ शाला सिंघाना मैं पिछले कुछ दिनों से रोजाना टैक्टर ट्रॉली भर भर कर बेगन, लौकी, हरी सब्जियां आस पास के गावो से आ रही है। किसानों का कहना है के सही भाव ना मिलने से परेशान हो कर गौ शाला भेजना पड़ रहा है। सब्जियों से लाभ ना मिला लेकीन गौ सेवा का कूछ लाभ मिल जायेगा। लेकिन कही न कही किसान निराश होकर कहा कि जब देश में प्याज-टमाटर जैसी सब्जियों के भाव आसमान छूते है तो संसद तक जाकर चर्चा होती है, लेकिन विपरीत सीजन में जब सब्जियों के दाम औंधे मुंह गिरते हैं, तब किसानों की नुकसानी की भरपाई के लिए कोई आवाज नहीं उठाता।
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