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आ रहे श्री राम अयोध्या , चारों ओर उल्लास हैहर मन मंदिर हो गया, हर मन में राम का वास है Shri Ram is coming to Ayodhya, there is joy all around, every mind has become a temple, Ram resides in every mind.

 आ रहे श्री राम अयोध्या , चारों ओर उल्लास हैहर मन मंदिर हो गया, हर मन में राम का वास है

अखिल भारतीय साहित्य परिषदका विराट कवि सम्मेलन सम्पन्न

मनावर से नवीन प्रजापति दबंग देश

मनावर /श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या धाम में भगवान श्री राम मंदिर के उद्घाटन सत्र को ध्यान में रखते हुए स्थानीय श्रीराम मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन के दौरान शुक्रवार रात्रि को अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयोजन में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।

मनावर /श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या धाम में भगवान श्री राम मंदिर के उद्घाटन सत्र को ध्यान में रखते हुए स्थानीय श्रीराम मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन के दौरान शुक्रवार रात्रि को अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयोजन में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम में रचनाकारों ने अयोध्या में श्री रामलला के विराजित होने पर देशवासियों के सौभाग्य और सनातन धर्म के लिए गौरव की बात बताइ।कार्यक्रम की शुरुआत भागवताचार्य पं विशाल शर्मा, विहिप जिला सेवा प्रमुख संजय जौहर, दुर्गा वाहिनी मातृशक्ति की जिला संयोजिका दीपिका सोनी, मुख्य यजमान कैलाश प्रजापत, समाजसेवी दत्तेश शर्मा व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार विश्वदीप मिश्रा ने सरस्वती पूजन कर की । 

कवि सम्मेलन की शुरुआत सिंघाना के पैरोडीकार मुकेश मेहता ने देशभक्ति पैरोडी से की । अपनी कविता में उन्होंने कहा कि धन्य है वह माता जिसने ऐसा दूध पिलाया ,धन्य धन्य वह युवा जो देश के काम आया। हास्य कवि ओमप्रकाश मजेदार धुलसर ने अपने हास्य छंदों से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया ।

 ओज कवि पंकज प्रखर सिंघाना ने अपनी ओज रचना पाठ करते हुए कहा कि देकर आहुति देह की ज्वाला हुई विकराल सी,राम भक्त अड़े रहे बाबरी ढही किसी काल सी। व्यंग्यकार विश्वदीप मिश्रा ने राम की महिमा का बखान करते हुए कहा कि आ रहे हैं श्रीराम अयोध्या, चारों ओर उल्लास है,हर मन मंदिर हो गया, हर मन में राम का वास है । 

हास्य कवि बंटी बम ने स्थानीय मुद्दों को अपनी हास्य चुटकियों के माध्यम से पेश करते हुए श्रोताओं को खूब हंसाया । कवियित्री दीपिका व्यास ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि जब तक बन न जाए मंदिर अयोध्या में श्रीराम का,तब तक युवाओं वक्त नहीं है पल भर भी आराम का । बंटवारे की पीड़ा को अपनी रचना में उकेरते हुए कवि कुलदीप पंड्या सागर ने कहा कि मना तो ली स्वर्ण जयंती आजादी की घूम-धाम से,पर देखो ना सागर आग बटवारें की बुझा ना सके ।

 गीतकार बसंत जख्मी ने भगवान श्री कृष्ण की लीला का बखान करते हुए कहा कि चौपट में खलछपट कर सब राजपाठ छीना, खींची सभा में साड़ी मुश्किल हुआ जीना, सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । कार्यक्रम में ग़जलकार दीपक पटवा ने मां पर मार्मिक रचना एवं पंडित राकेश पुरोहित ने अपनी रचना में आडंबरो और कुरीतियों पर करारा प्रहार किया। 

मंच संचालक राम शर्मा परिंदा ने अपने हास्य रस से भरपूर संचालन से श्रोताओं को पूरे समय बैठाए रखा । आभार नितेंद्र  मंडवाल ने जताया । कार्यक्रम में करण यादव,गौरव ठाकुर, ओंकार प्रजापत, विजय धनगर, संदीप जाजमे, कैलाश मंडलोई,राजा पाठक , संतोष बागेश्वर,आदि ने कवियों का स्वागत किया।

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