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अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा नव कुंडी महायज्ञा संपन्न हुआNav Kundi Mahayagya completed by All World Gayatri Parivar

अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा नव कुंडी महायज्ञा संपन्न हुआ

मनावर से नवीन प्रजापति

शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में गायत्री परिवार शाखा खंडलाई द्वारा नव कुंडी गायत्री महायज्ञ संपन्न हुआ।

जिसमे 130 लोगों ने शराब मांस छोड़ कर गायत्री मंत्र शिक्षा ,दीक्षा ली।

 कार्यक्रम में प्रथम दिवस विशाल मंगल कलश शोभायात्रा के साथ व्यसन मुक्त रेली,कन्या पूजन एवम आरती ,प्रसाद व कन्या भोजन हुआ। रात्रिकालीन संगीत प्रवचन में डा.सोहन गुर्जर ने गायत्री,यज्ञ,और संस्कारों का जीवन में महत्व के बारे में विस्तार से बताया। । दूसरे दिन प्रातः 8:00 से नव कुंडी गायत्री महायज्ञ संपन्न हुआ । जिसमे सैकड़ों लोगों ने यज्ञ में आहुतियां दी। एवम गर्भ पूजन संस्कार,नामकरण,मुंडन विद्या आरंभ संस्कार सम्पन्न हुए।


रात्रि कालीन प्रवचन में आदिवासी संत श्री प्रताप बरडे ने बताया की हमे व्यक्ति निर्माण, समाज निर्माण ,और राष्ट्र निर्माण का निर्माण करना है। आज मनुष्य खुद का दुश्मन बना हुआ है अपने परिवार पर दया करें, अपने पर दया करें शराब मांस खा पीकर अपने आप को बर्बाद कर रहा है यह मानव जीवन हीरे से भी कीमती है , भगवान ने हमको यह शरीर दिया है ,संत ,ऋषि कह गए 84 लाख योनियों होने के बाद मनुष्य जीवन मिलता है। और हम उसे शराब मांस में बर्बाद कर रहे हैं। हम अपने आप को बदले अपने को पवित्र बनाए। एक दिन सबको घर परिवार छोड़कर जाना है हमारे जीवन का एक-एक दिन काम हो रहा है। यह समय रुकने वाला नहीं है यह समय, धन, बंगला, गाड़ी सब छोड़ कर जाना है। यह समय सत्संग का है। भगवान ने हमें यह सुंदर शरीर देकर भेजा है और हम शराब मांस में इस शरीर को बिगाड़ रहे हैं यदि हमने जीवन को सही कर्म में नही लगाया तो अगले जन्म में दो पैर से आगे बढ़कर चार पैर के बन सकते हैं ।कर्म हमारे हाथ में है ।

यह कार्यक्रम रूपी तीन दिन का गैरेज लगाया गया है यहां आकर अपने शरीर की सर्विसिंग कराए। शरीर के अंदर का कचरा बाहर निकाले ।इस सर्विस सेंटर में हम आपको गारंटी देते हैं कि यहा आ करके आप अपने आप को बदल सकते हैं ।इस ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाएंगे तो अपने जीवन का उद्धार और परिवार का उद्धार हो जाएगा। जो मनुष्य गायत्री मंत्र जपेगा और गायत्री यज्ञ करेगा उसके सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाएंगे ।बच्चों को अच्छे संस्कार दे अपने घर को मंदिर बनाए। आणे में, नुक्ते में बकरा और मुर्गा मारने की परंपरा को बंद करें । 

अंधी श्रद्धा और कुरीतीया हमें बर्बाद कर रही है। हमारे समाज को बर्बाद कर रही है। दहेज प्रथा और कु प्रथाओं का विरोध करें। हमारे बाप दादाओ के पास बुद्धि नहीं थी लेकिन आज तो हमें जागना पड़ेगा।

  गायत्री माता से जुड़कर सुखी जीवन जिए। और परिवार में बच्चो को अच्छे संस्कार दे।कार्यक्रम में 6 गर्भपूजन, 15 नामकरण 28 मुंडन , 115 दीक्षा 22 जनेऊ संस्कार संपन्न हुए।

अंतिम दिवस गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति और भंडारा संपन्न हुआ।कार्य क्रम में ,सागर सिंह ,मदन मंडलोई, भोलू राठौर,भारत मंडलोई, का सहयोग रहा।गायत्री परिवार के जिला संयोजक प्रभाकर सोनोने,प्रताप अंचल,भुवान सिंह ठाकुर,रमेश नरगेश,एडवोकेट दीपेंद्र दरबार,उदयसिंह मंडलोई एवम ग्रामीण क्षेत्र जनता बड़ी संख्या में उपस्थित थी।

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