ज्योतिर्मयानंद जी एवं साध्वी भारती दीदी बने हरीओम आश्रम के गादीपति
चादर विधि कार्यक्रम में ओंकारेश्वर क्षेत्र के साधू-संतो ने की घोषणा
संयुक्त रूप से करेंगे आश्रम की गतिविधियों का संचालन
मुकेश खेड़े दबंग देश
बड़वाह के नावघाटखेड़ी स्थित हरीओम आश्रम के नए गादीपति की घोषणा हो गई है।आश्रम के पूर्व गादीपति संत स्वामी भगवतानन्द जी 95 वर्ष की आयु में अप्रेल 2021 में ब्रह्मलीन हुए थे।तब से आश्रम में गादीपति तय नही किया गया था।लेकिन बुधवार को ओंकारेश्वर क्षेत्र के श्री षड दर्शन संत मंडल के प्रतिनिधि संत मंडली एवं आसपास के संतो की मौजूदगी में ब्रह्मलीन भगवतानंद जी के शिष्य ज्योतिर्मयानन्द जी एवं साध्वी भारती दीदी गुरु वालराम महाराज को संयुक्त रूप से गादीपति घोषित किया गया।जिनका चादर विधि कार्यक्रम आज सम्पन्न हुआ।इस दौरान संत,महंत,महामंड्लेश्वर आदि 200 विभूतियों ने उन्हें आशीर्वाद दिया।
दोनों के गादीपति के रूप में घोषणा के बाद अब से आश्रम के समस्त व्यवस्थाए,पूजन-पद्धति,कार्य प्रणाली उन्ही के द्वारा संचालित की जाएगी।कार्यक्रम के समापन पर भंडारा प्रसादी का आयोजन भी हुआ।उल्लेखनीय है की वर्ष 1998 में ब्रह्मलीन भगवतानन्द जी महाराज द्वारा हरीओम आश्रम की स्थापना की गई थी।यहाँ के मंदिर की वास्तुशैली एवं शिवलिंग दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तगुजरात,महाराष्ट्र एवं अन्य प्रान्तों से आते है।इसके साथ साथ ही परिक्रमावासियो के लिए विश्राम के साथ सदाव्रत एवं भंडारे का आयोजन भी समय-समय पर होता है।
दो वर्ष पूर्व भगवतानंद जी के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके शिष्य जलाराम एवं ट्रस्टी सदस्य भारती दीदी द्वारा आश्रम की सभी व्यवस्था एवं गतिविधियों को संचालित किया जा रहा था।मई 2023 में जलाराम जी ने वृन्दावन में स्वामी शरणानन्द जी से लई गई दीक्षा के उपरांत उनका नाम ज्योतिर्मयानंद पड़ा।चादर विधि के बाद ज्योतिर्मयानंद जी आश्रम के गादीपति घोषित किये गए है।इसके साथ ही वे श्री गंगदेव जी विरक्त साधू सेवा मंडली के अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए है।
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