सद्भावना धर्म प्रवेश का द्वार है संत श्री कमलेश मुनि जी Goodwill is the door to enter religion Saint Shri Kamlesh Muni Ji

 सद्भावना  धर्म  प्रवेश का द्वार है संत श्री कमलेश मुनि जी

मुकेश खेड़े दबंग देश 

श्वेताम्बर जैन समाज के राष्ट्रिय संत कमल मुनि कमलेश जी दो दिनों से बड़वाह नगर में है।भारत सरकार की ओर से सम्मानित राष्ट्रीय एकता पर्यावरण सर्वधर्म सद्भाव,व्यसन मुक्ति,गौ रक्षा पांच सूत्री कार्यक्रम के तहत पूरे देश में 80 हजार किलोमीटर पदयात्रा करते हुए बड़वाह पधारे थे।मंगलवार को मुनिश्री जी ने बाफना धर्मशाला में अमृत प्रवचन दिए। उन्होंने कहा की दुर्भावनाएं अपने आप में अधर्म,पाप और पतन का कारण है।

श्वेताम्बर जैन समाज के राष्ट्रिय संत कमल मुनि कमलेश जी दो दिनों से बड़वाह नगर में है।भारत सरकार की ओर से सम्मानित राष्ट्रीय एकता पर्यावरण सर्वधर्म सद्भाव,व्यसन मुक्ति,गौ रक्षा पांच सूत्री कार्यक्रम के तहत पूरे देश में 80 हजार किलोमीटर पदयात्रा करते हुए बड़वाह पधारे थे।मंगलवार को मुनिश्री जी ने बाफना धर्मशाला में अमृत प्रवचन दिए। उन्होंने कहा की दुर्भावनाएं अपने आप में अधर्म,पाप और पतन का कारण है।

यह सज्जन को शैतान बना देती है।किसी भी निमित्त और माध्यम से मन में उठाने वाले दुर्भावना की वाइब्रेशन,स्वयं के सद्गुणों का नाश कर देता है,सद्भावना धर्म का प्रवेश द्वार है।मुनिश्री कमलेश ने बताया कि दुर्भावना से मनुष्य मनोरोगी बनता है।

राष्ट्र संत ने कहा कि मन में उठने वाली दुर्भावना का दुष्प्रभाव इंसान के साथ-साथ पशु और पूरी प्रकृति पर पड़ता है।दुर्भावनाएं परमाणु बम से ज्यादा खतरनाक है है और सद्भावना से बढ़कर और कोई अमृत नहीं है।

अंत में कहा कि ने कहा कि संत-महापुरुषों के संपर्क से दुर्भावना मुक्ति एवं सद्भावना का संचार होता है।अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली युवा शाखा मध्य प्रदेश उपाध्यक्ष प्रतीक जैन,विनोद जैन,जितेंद्र सुराणा,नवरत्नमल जैन,दिलीप भंडारी,शेखर भंडारी,ईशान लुंकड़

,पंकज डाकोलिया ,प्रेमचंद खिंवसरा,संजय मुथा,राहुल बम,विमल छाजेड़.विमल बरडिया.निर्मल बम आदि ने पदयात्रा में सेवा का लाभ लिया। पदयात्रा में पुलिस प्रशासन भी कदम कदम पर समर्पित रहा।घनश्याम मुनि,अक्षत मुनि जी ने विचार व्यक्त किए।कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया।

दोपहर में हुई प्रेस वार्ता में मुनिश्री ने कहा की गौरक्षा एवं संवर्धन के लिए अभियान चलाना होगा।मुनिश्री ने कहा देश में गोमाता पर केवल राजनीती होती है।उसके संरक्षण-संवर्धन के लिए केवल योजना बना देते हैजो केवल दिखावे की होती है।

सरकार को बाघ,चीतों की चिंता है।लेकिन गौमाता की नहीं।मछली,बकरी यहाँ तक शुकर पालन को लेकर योजना है।लेकिन जन-जन को गोपालन के लिए प्रेरित करे ऐसी योजना नही।एक बार गोमाता को राष्ट्रीय पशु क्यों नही घोषित कर रही सरकार?गौशालाओ को क्यों प्रोत्साहित नही किया जा रहा है?गौमाता सड़को पर घूमते हुए दुर्घटनाग्रस्त होकर तड़पकर मर जाती है

,पौलिथिन खाने को मजबूर है।लेकिन सरकार के पास इच्छाशक्ति नहीं की सब पर रोक लगाए।विरोधीगाय पर कुछ बोल दे तो राजनीती करके वोटो का ध्रुवीकरण किया जा सकता है।लेकिन गौमाता संरक्षण के उचित प्रयास नही होंगे।हमे आने वाले पांच सालो में इस तस्वीर को बदल exना है।भले आन्दोलन की राह पर चलना पड़े,लेकिन गौमाता संरक्षण एवं संवर्धन का उचित प्रयास जरुर करेंगे।

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