दिव्यांग बच्चों को मुफ़्त मेडिकल सुविधा देना महत्वपूर्ण- कमिश्नर भयडिया1501 दिव्यांग बच्चों की नि: शुल्क सर्जरी लक्ष्य पूर्ति हेतु कैंप It is important to provide free medical facilities to disabled children – Commissioner Bhaydia1501 Camp to achieve the goal of free surgery for disabled children

 दिव्यांग बच्चों को मुफ़्त मेडिकल सुविधा देना महत्वपूर्ण- कमिश्नर भयडिया1501 दिव्यांग बच्चों की नि: शुल्क सर्जरी लक्ष्य पूर्ति हेतु कैंप 

इंदौर, 21 अगस्त ।स्वर्णिम फ़ाउंडेशन द्वारा 1501 दिव्यांग बच्चों की नि: शुल्क सर्जरी का लक्ष्य पूर्ण करने हेतु 1 सितंबर से इंदौर में 3 माह के लिए कैंप लगाया जा रहा है । इसके पोस्टर का विमोचन करते हुए संभागायुक्त माल सिंह भयडिया ने कहा यह एक महत्वपूर्ण और सामाजिक कार्य है, जिसका उद्देश्य है हमारे समाज में विकलांग बच्चों को मुफ्त मेडिकल सुविधाएँ प्रदान करना।इस हेतु उन्होंने आठों ज़िलों के कलेक्टर सहित सभी विभागों को कैंप में दिव्यांग बच्चों को भेजने हेतु आदेशित किया जावेगा।

विकलांगता केवल एक शारीरिक स्थिति नहीं है, बल्कि यह मानसिकता, भावनाओं और आत्मविश्वास की भी एक स्थिति है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन बच्चों के प्रति सहानुभूति और समर्थन दिखाएं, ताकि वे भी समाज में समानता का अधिकार उठा सकें।

इंदौर, 21 अगस्त ।स्वर्णिम फ़ाउंडेशन द्वारा 1501 दिव्यांग बच्चों की नि: शुल्क सर्जरी का लक्ष्य पूर्ण करने हेतु 1 सितंबर से इंदौर में 3 माह के लिए कैंप लगाया जा रहा है । इसके पोस्टर का विमोचन करते हुए संभागायुक्त माल सिंह भयडिया ने कहा यह एक महत्वपूर्ण और सामाजिक कार्य है, जिसका उद्देश्य है हमारे समाज में विकलांग बच्चों को मुफ्त मेडिकल सुविधाएँ प्रदान करना।इस हेतु उन्होंने आठों ज़िलों के कलेक्टर सहित सभी विभागों को कैंप में दिव्यांग बच्चों को भेजने हेतु आदेशित किया जावेगा।

इस सर्जरी शिविर के माध्यम से हम न केवल चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं, बल्कि हम एक संदेश भी पहुँचा रहे हैं - समाज में सभी का साथ और समर्थन होना जरूरी है। मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि हम इस समाज सेवा के महत्वपूर्ण कार्य में अपनी भागीदारी दिखाएं और इन बच्चों के जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लें।

प्रोजेक्ट प्रमुख वीरेन्द्र कुमार जैन ने बतलाया कि मालवा प्रांत के 15 वर्ष से कम उम्र के ऐसे दिव्यांग बच्चे जिनके हाथ पैर तेडे मेड़ें हैं , मेंढक की तरह फुदक फुदक कर चलते हैं या चल ही नहीं पाते हैं उनकी आर्थोपैडिक नि: शुल्क सर्जरी कर उन्हें अपने पैरों पर खड़े कर स्वावलंबी बनाकर सम्मान से जीने के लिए यह बीड़ा उठाया गया है । 

अध्यक्ष विवेक शारदा जैन ने बतलाया कि मरीज़ एवं उसके एक अभिभावक की हास्पिटल में खाने पीने की भी नि: शुल्क व्यवस्था की गई है ।नि: शुल्क सर्जरी एवं दवाइयों के साथ मरीज़ एवं अभिभावक को जाने आने के लिए एक हज़ार रूपया राशि भी प्रदान की जावेगी ।सर्जरी यूनिक हॉस्पिटल के प्रसिद्ध अस्थिरोग जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ प्रमोद पी नीमा और टीम द्वारा की जावेगी।

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