न चेहरे पर थकान और न ही माथे पर सूरज की तपन से कोई शिकन,आस्था को लाठी और श्रद्धा को अपनी हिम्मत बनाकर चलते रहे यात्री Neither the fatigue on the face nor the wrinkle on the forehead due to the heat of the sun, the travelers kept walking by making sticks to faith and reverence as their courage.

 न चेहरे पर थकान और न ही माथे पर सूरज की तपन से कोई शिकन,आस्था को लाठी और श्रद्धा को अपनी हिम्मत बनाकर चलते रहे यात्री 


मात श्री नर्मदे हर के जयघोष के साथ नाव में सवार हुए पंचकोशी यात्री 

पंचकोशी यात्री नाव में सवार होकर ग्राम टोकसर से आए सेमरला घाट,अधिकांश यात्रियों का हुआ बड़वाह आगमन

मुकेश खेड़े बड़वाह 

बड़वाह - आधी यात्रा पूरी कर ली है,आधी और बाकी है, न चेहरे पर थकान और न ही माथे पर सूरज की तपन से कोई शिकन, आस्था को लाठी और श्रद्धा को अपनी हिम्मत बनाकर दुर्गम रास्तो पर आगे बढ़ते जा रहे है,उनकी तेज चाल जैसे कह रही हो रुकना नही है थकना नही है,अभी और दूर जाना है,नर्मदा माई जो परीक्षा हमारी ले रही है उसमे अव्वल हमे आना है ।इस वर्ष 

न चेहरे पर थकान और न ही माथे पर सूरज की तपन से कोई शिकन,आस्था को लाठी और श्रद्धा को अपनी हिम्मत बनाकर चलते रहे यात्री Neither the fatigue on the face nor the wrinkle on the forehead due to the heat of the sun, the travelers kept walking by making sticks to faith and reverence as their courage.


47 वी लघु नर्मदा पंचकोशी यात्रा में शामिल श्रद्धालूओ ने एक दिन पहले ही शनिवार को नगर में प्रवेश कर लिया है ।उल्लेखनीय है की ओमकारेश्वर से शुरू हुई पंचकोशी यात्रा सनावद के नजदीक ग्राम टोकसर पहुंची। जहां सेे यात्री मात श्री नर्मदे हर के जयघोष लगाकर नाव में सवार हुए । इस दौरान यात्रियों का उत्साह देखते ही बनता है।शनिवार शाम 6 बजे तक करीब 25 हजार श्रद्धालु टोकसर से नर्मदा पार कर सेमरला पहुंच गए।हालांकि कई श्रद्धालु शुक्रवार शाम एवं शनिवार सुबह से बड़ी संख्या में बड़वाह कृषि मंडी सहित अन्य विश्राम वाले स्थानों पर पहुंच चुके थे ।जबकि अधिकांश यात्रियों ने सेमरला सहित आस-पास के गांव में विश्राम किया। जिनका रविवार को बड़वाह में आगमन होगा। वैसे सोमवार को श्रद्धालु अपने अगले पड़ाव महोदरी एवं सिद्धवरकूट के लिए रवाना होंगे।यहाँ महोदरी आश्रम में भक्तो द्वारा भंडारा प्रसादी का आयोजन होगा।


स्वास्थ विभाग ने लगाया मेडिकल केम्प ------


 सेमरला घाट पर स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कैम्प लगाकर यात्रियों को स्वास्थ सेवा दी।यह कैंप एक भवन में संचालित किया गया था। सेमरला घाट पर पंचकोशी यात्रियों के पहुँचने पर गाँव में मेले जैसा माहौल देखने को मिला ।ग्रामीण यात्रियों की जरूरत की वस्तुए जैसे कंडे,फल-सब्जिया,जूते-चप्पल,चाय,सौन्दर्य प्रसाधन की दुकाने लगा रखी है।यात्रियों ने भी अपनी जरूरत के अनुसार जमकर खरीददारी की।


प्रशासन रहा अलर्ट ------

यात्रियों के लिए प्रशासन ने नर्मदा घाट पर पुख्ता इंतजाम किए थे। तट पर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया । जिन्होंने ग्राम टोकसर से यात्रियों को लाइफ जैकेट पहनाकर नाव से सेमरला के लिए रवाना किया । यहा उत्तर तट पर बड़वाह एसडीओपी विनोद दीक्षित, टीआई जगदीश गोयल अपने पुलिस टीम के साथ मोर्चा संभाले हुए थे । जनपद पंचायत सीईओ रोहित पचौरी व कृषि अधिकारी बीएस सेंगर के नेतृत्व जल, प्रकाश सहित ठहरने की बेहतर व्यवस्था की गई। एसडीएम बी एस क्लेश ने लगातार यात्रा मार्ग का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और यात्रियों को होने वाली असुविधा को देख कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए । उल्लेखनीय है कि प्रशासनिक आंकड़ों अनुसार पिछले वर्षों की तुलना इस वर्ष पंचकोशी यात्रियों की संख्या कम देखने को मिली। मालवा-राजस्थान क्षेत्र के कई श्रद्धालु यात्रा में शामिल नहीं हुए।वही शाम 5:30 बजे बाद यात्रियों को नाव से पार करवाना बंद कर दिया गया।जिसके कारण कुछ श्रद्धालु ग्राम टोकसर में ही रात्रि विश्राम के लिए ठहर गए ।

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