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बिछड़ौद में मोहर्रम का कारवां इस साल भी नही निकला , इमामबाडे में ही अदा की रस्मThe caravan of Muharram in Bichrod did not come out even this year, the ritual of paying in Imambada itself.।

 बिछड़ौद में मोहर्रम का कारवां इस साल भी नही निकला , इमामबाडे में ही अदा की रस्म।

मोहर्रम की 9 तारिख को मन्नत पुरी होने पर बच्चों को गुड खोपरा और मिठाई से तौला। 

सुनील कवलेचा दबंग देश।

जिला मुख्यालय के बिछड़ौद नगर में बडे तकिया इमामबाडा के साथ ही अन्य छोटा तकिया पर शुक्रवार को समाजजनों के साथ ही अनेक लोग बच्चों व महिलाओं के साथ ही बुराक व ताजिये का दिदार करने पहुचने लगे कोरोना संक्रमण  के कारण  मोहर्रम के पर्व की 9 तारीख को  निकलने वाला  जुलूस भी इस बार नहीं निकाला गया बडे तकियें के शब्बीर शाह ने बताया की शाम को याहुसैन के नारों के साथ बुराक व ताजियों का काफिला कोरोना महामारी के कारण नही निकाला गया


 वही तकियों में ही रस्म अदा करने के लिए इमामबाडें में ही मोहर्रम का जुलुस निकाल कर पुन उसी स्थान पर रखा गया। जिसमें समाज के लोग शामिल रहेे। मोहर्रम पर्व पर नगर में पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहे मोहर्रम की 9 तारिख को मन्नत पुरी होने पर बच्चों को तौला गया गुरुवार को मोहर्रम की 9 तारिख को इमामबाडा पर बडे तकिये पर मन्नत पुरी होने वाले करीब 10 बच्चो को उनके परिजनो ने तुलवाया गया


 जिसमें किसी ने मोतीचूर के लड्डू गुलाब जामुन,पेडे, गुड खोपरा व अन्य कई प्रकार की मिठाईयों के बराबर तोला गया तोलने से पहले सब्बीर शाह द्वारा मिठाई की फातिया पडी गई जिसके बाद बच्चो को तोल कर बांटी गई। इसी प्रकार बडी छोटे तकियें पर भी इस प्रकार की रस्म अदा की गई नगर के दोनों तकियें पर बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने बुराक और ताजिए का दीदार किया।

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