ब्रह्म का स्वरूप कैसा है - सुश्री धामेश्वरी देवीजी
मुकेश खेड़े दबंग देश
बड़वाह/ सिंचाई विभाग कॉलोनी में चल रही दिव्य आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला के तीसरे दिन मंगलवार को जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की प्रचारिका सुश्री धामेश्वरी देवी जी ने वेद और शास्त्रों के प्रमाण सहित बताया कि भगवान को हम इन्द्रिय मन बुद्धि से नहीं जान सकते।भगवान दिव्य हैं हमारी इन्द्रिय मन बुद्धि प्राकृत है । भगवान प्रकाशक हैं हमारी इन्द्रियाँ मन बुद्धि प्रकाश्यमान। भगवान प्रेरक हैं हमारी इन्द्रिय मन बुद्धि प्रेयरमाण हैं।भगवान धारक हैं हमारी इन्द्रिय मन बुद्धि धार्यमान हैं।भगवान सर्वज्ञ हैं हम लोग अल्पज्ञ हैं।
भगवान और अनंत विरोधी धर्मों के अधिष्ठान है।वह निराकार भी यह साकार भी है।क्षुद्र से क्षुद्र भी है और महान से महान भी है।वो एक भी हैं और अनेक भी है।वह कर्ता भी है सृष्टिकर्ता भी है। न्यायकर्ता भी हैं कृपाकर्ता भी है।इसलिए भगवान को हम लोग अपनी शक्ति से नहीं जान सकते हैं ।
प्रवचन श्रृंखला का लाभ लेने हेतु बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे कल दीदी जी भगवत कृपा विषय पर शाम 6 बजे विशेष प्रकाश डालेगी।
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