वर्षीतप आराधना की तैयारियां जोरों पर - गुरुदेव के आने का इंतज़ार Preparations for Varshitap Aradhana are in full swing - waiting for Gurudev's arrival

वर्षीतप आराधना की तैयारियां जोरों पर - गुरुदेव के आने का इंतज़ार

दो दीक्षा प्रसंग से तप के साथ संयम अनुमोदना का मिलेगा लाभ

दबंग देश

थांदला। जैन आगम के अनुसार संयम का महत्व बताने के लिए केवल ज्ञानी भगवान महावीरस्वामी ने कहा है कि कोई व्यक्ति बाल तपस्वी मास-मास तप करें व उसके बदले घास के तिनके जितना ही आहार करें वह तप संयम की 16 वीं कला जितना भी नही है। अर्थात तप से संयम का महत्व कही अधिक है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण वर्तमान में होने वालें लाखों तपस्वी व उनकी तुलना में उंगलियों पर गिन सके इतने दीक्षार्थियों की संख्या से लगाया जा सकता है। 



थांदला में जिन शासन गौरव जैनाचार्य पूज्य गुरुदेव श्री उमेशमुनिजी म.सा. "अणु" की पाट परम्परा को दीपा रहे उनके प्रथम शिष्य आगम विशारद पूज्य प्रवर्तक देव श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. एवं पूज्या श्री मधुबालाजी, पूज्या श्री मुक्तिप्रभाजी, पूज्या श्री पुण्यशीलाजी, पूज्या श्री संयमप्रभाजी आदि विशाल संत-सतियों के सानिध्य में इस बार वर्षीतप आराधकों के पारणें आगामी 30 अप्रैल 2025 बुधवार को थांदला में होने वालें है। थांदला के ही मुमुक्षु ललित भाई सुंदरलाल भंसाली व मुमुक्षु नव्या बहन मनीष शाहजी के परिवार की आज्ञा मिल जाने के बाद उपकारी गुरु भगवंत ने इसी दिन उनकी दीक्षा की घोषणा करने से संयम सह तप का ठाठ व गुरुभगवंतों के दर्शन वंदन व जिनवाणी श्रवण का लाभ आने वालें सभी गुरू भक्तों व तपस्वियों को मिलेगा। जानकारी देते हुए संघ प्रवक्ता पवन नाहर ने बताया कि पूज्य श्री धर्मदासगण परिषद व थांदला श्रीसंघ के अधीन वर्षीतप पारणें के सम्पूर्ण लाभार्थी शांता देवी सुरेंद्र कुमार तलेरा परिवार की स्मृति में राकेश, प्रफुल्ल तलेरा परिवार है वही दिक्षार्थी शाहजी व भंसाली परिवार द्वारा क्रमशः 28 व 29 दिन के आयोजन का लाभ लिया गया है।

 श्रीसंघ अध्यक्ष भरत भंसाली व सचिव प्रदीप गादिया ने बताया कि 29 अप्रैल को दोनों दीक्षार्थी की वर्षीदान सह जयकार यात्रा निकाली जाएगी वही दोपहर सकल साधु संत परिवार के बहुमान का आयोजन भंसाली परिवार के सौजन्य से रखा गया है। इसके बाद दीक्षार्थी व वर्षीतप आराधकों की अनुमोदना में सामूहिक चौवीसी होगी। शाम को दोनों मुमुक्षु भंसाली व शाहजी परिवार के बहुमान का विशेष आयोजन होगा जिसमें नगर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा दोनों दीक्षार्थियों का बहुमान किया जाएगा। 30 अप्रैल को दोनों मुमुक्षु को दीक्षा प्रदान की जाएगी वही वर्षीतप के तपस्वियों को उनके तप शुद्धि की प्रक्रिया सम्पन्न करवाई जाएगी फिर उपस्थित मेहमानों व संघजनों द्वारा सभी तपस्वियों को पारणा करवाया जाएगा। ललित जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष रवि लोढ़ा व लाभार्थी प्रफुल्ल तलेरा ने बताया कि सभी आयोजन स्थानीय अणु पब्लिक स्कूल पर होंगें जिसको लेकर विभिन्न समितियों के माध्यम से कार्य विभाजन कर दिया गया है 

जिसके अंतर्गत पंजीयन शाखा में कपिल पीचा द्वारा 324 तपस्वियों के पंजीयन की जानकारी दी गई वही आवास व्यवस्था में जितेंद्र घोड़ावत ने बताया कि थांदला की समस्त होटल के साथ पेटलावद, मेघनगर, झाबुआ यहाँ तक कि मोहनखेड़ा में भी रूम बुक कर लिए गए है जिससे हर रूट से आने वाले दर्शनार्थियों व तपस्वियों को उनकी सुविधा अनुरूप व्यवस्था दी जा रही है। भोजन व्यवस्था प्रमुख दिलीप शाहजी व अनिल भंसाली के अनुसार 10 से 15 हजार दर्शनार्थियों की संभावना को देखते हुए 25 अप्रैल से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। फिलहाल थांदला के समस्त आराधकों को गुरुभगवंतों के आने का इंतज़ार है जो पेटलावद गुरुकुल में अभ्यास कर रहे है तो कुछ आसपास विचरण कर रहे है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 20 अप्रैल के वाद संत-सतियों का विहार थांदला की ओर हो जाएगा। वर्तमान में आराधक थांदला स्थिरवास कर रहे माताजी पूज्या श्री दिव्यशीलाजी म.सा. की सेवा में पूज्या श्री निखिलशीलाजी, पूज्या श्री प्रियशीलाजी व पूज्या श्री दीप्तिश्रीजी के सानिध्य में ज्ञान-दर्शन-चारित्र के साथ तपस्या के प्रत्याख्यान ग्रहण कर रहे है वही विभिन्न सामाजिक संगठन व परिवारों द्वारा भी सभी तपस्वियों के पारणें, बियासने व चौवीसी का लाभ ले रहे है।

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