सीएमओ ओर अन्य को क्यो निलंबित नही किया .......?
क्या कोटवानी नेता है इसलिए एफआईआर नही ........ ?
गजेन्द्र माहेश्वरी
मन्दसौर :- नगर पालिका मन्दसौर विगत 3 -4 दिनों से 1500 फाइलों को गुम होगई समाचार को लेकर सुर्खियों में है वैसे मन्दसौर नगर पालिका आये दिन चर्चा में रहती है पर तत्कालीन अध्यक्ष शिवा कोटवानी के अध्यक्ष बनने से लेकर ज्यादा चर्चित हो गई क्योकि मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही हेतु सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया है उसी में नगरीय प्रशासन विभाग भी सम्मिलित होकर मन्दसौर में कई अवैध निर्माण अतिक्रमको की भरमार है वही कई भवन गार्डन भी इसी सूची में सम्मिलित है ,नगर पालिका ने अध्यक्ष के रहते व वर्तमान में जिला कलेक्टर के प्रशासक रहते हुए केवल कागजी खाना पूर्ति के लीये नोटिस जारी किए कोई कार्यवाही तो उनको करना ही नही थी केवल शो दिखाने के लीये रॉड पर पड़ा सामान हटाकर अतिक्रमण अध्याय का अंत कर दिया।
मन्दसौर में इतनी शाशकीय भूमियों पर भूमाफियाओं का अवैध कब्जा ओर निर्माण है कि नगर पालिका को तोड़ते तोड़ते महीनों लग जायेंगे पर सब.......?
जानकारी के अनुसार नगर पालिका की फाइलों का बस्ता तत्कालीन अध्यक्ष कोटवानी के घर pic की प्रोसिडिंग तैयार करने और फाइलों पर हस्ताक्षर हेतु (नियमो को ताक में रखकर ) ले जाया गया है क्योंकि जैसे अकबर के दरबार मे 9 रत्न थे वैसे ही नगर पालिका मन्दसौर के कुछ कर्मचारी भी इनको भी रत्न कह सकते है यह जब भी कोई अध्यक्ष बनता है उसके खासमखास बनकर जी हजूरी में लग कर अपना उल्लू सीधा करने में लगकर नेताओ के सुर में सुर मिलते हुए सेवा करते रहते है,वैसे ही कोटवानी के कार्यालय में भी कम से कम 5 रत्न अपनी चमत्कारी सेवाएं देकर नगर और नगर पालिका मन्दसौर को उपकृत कर रहे थे उनमें से एक अपुन के नीमा जी भी थे जो काफी हवा में थे और कइयों की निगाह में भी दे इनको बलि का बकरा बना दिया क्योकि किसी न किसी पर तो गाज गिरना थी तो नीमा को ही निपटाया जबकि तूफान में बड़ी बड़ी बिल्डिंगे धरासायी होती है फिर इस तूफान में एक तिनके को उड़ा दिया और इतिश्री कर ली जब कि इस महाभारत में कई योद्धाओं ने भाग लिया था उसमें नीमा ही अभिमन्यु नही था यह बेचारा चक्रव्यूह भेद नही पाया क्योकि नगर पालिका के दुरन्धर कर्मचारियों की तरह चाणक्य नीति में पारंगत नही था तो फास गया और अब छटपटाने के अलावा कर भी क्या सकता है ......?
अगर नीमा की बोली खुल गईं तो मन्दसौर में भूचाल आ जायेगा जिसको मन्दसौर की जनता को काफी समय से इंतजार है......?
अब सवाल यह उठता है कि सारी जानकारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी से लेकर कार्यलय के तकरीबन सभी कार्यालयीन स्टाफ को थी और यह आग भी वही से लगाई गयीं है 1माह से अधिक समय अध्यक्ष के कार्यकाल 26 जनवरी 21 के बाद से हो गये तब तक मुख्य नगर पालिका अधिकारी क्या करते रहे,कलेक्टर ओर नगर पालिका प्रशासक के संज्ञान में यह बात क्यो नही लायी गयी बहुत सारे प्रश्न है पर जवाब...………?
नगर पालिका मन्दसौर में काफी समय से कई कर्मचारियों जो कही जाना नही चाहते उनका एकाधिकार ओर कर्मचारियों पर नियंत्रण होकर राजनीति करते रहते है उनका आज तक स्थानांतर नही हुआ और जड़े काफी मजबूत जम गई है,अगर कोई कर्मचारी उनकी खिलाफत करने की कोशिश करते है तो उसको यह लोग आकाओं के चरणों मे रवाना करने की अर्जी लगाते है।
जिला कलेक्टर एंव नगर पालिका प्रशासक को चाहिये कि सबसे पहले सीएमओ से लेकर जितने भी कर्मचारियों की संलिप्तता है उनको तत्काल प्रभाव से हो सके तो शाशन से सीएमओ के निलंबन में लेकर किसी वरिष्ठ अधिकारी से जांच करवायी जाकर सम्बन्धितो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया कर मन्दसौर की जनता को एक अच्छा सन्देश दे।
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