दो गज दूरी मास्क है जरूरी नही तो ख्वाहिश रह जायेगी अधूरी Two yards mask is necessary, otherwise the wish will remain incomplete Dabang Desh


 दो गज दूरी मास्क है जरूरी,
  नही तो ख्वाहिश रह जायेगी अधूरी"


               गजेन्द्र माहेश्वरी


नीमच :- कहते है कि इंसान मजे मजे में मौत को भी भूल जाता है यह कहावत जिसने भी कही होगी सोच समझकर ही कही होगी जो आज हकीकत में देखने को मिल रही है।

कोरोना काल मे सेकड़ो लोगो की जाने लापरवाही की वजह से ओर कोरोना की दशहत से ही चली गई ,जबकि प्रधानमंत्री मंत्री से लेकर निचले स्तर के कर्मचारियों ने सभी से बार बार आग्रह किया था कि घर मे रहो सुरक्षित रहो, दो गज दूरी मास्क है जरूरी, 

शोशल डिस्टेसिंग का पालन करे, हाथ धोये बहुत कुछ सुझाव दिया प्रेरित भी किया और जब समझ मे आया तो कोरोना कुछ हद कंट्रोल में रहा।

सारा विश्व कोरोना से त्रस्त होचुके ओर पहलवान देश की भी हवा टाइड होकर सुधबुध खो बैठे लेकिन भारतीय शोधकर्ताओं ने हिम्मत नही हारी ओर वैक्सीन एक नही दो दो तैयार कर दी और  विदेशो में भी सप्लाई करना प्रारम्भ कर दी यह खुशी कुछ ही दिन तक सुर्खियों में रही और पुनः कोरोना का दूसरा फेज रफ़्तार पकड़ता जा रहा वजह साफ है फिर मजे मजे में मौत को भूलकर कोरोना गाईड लाईन के नियमो की अनदेखी ,मजबूरन मध्यप्रदेश में फिर लाकडाऊन जैसे हालात बनते जा रहे और स्थिति पुनः धीरे धीरे आउट ऑफ कन्ट्रोल होती जा रही है।

नागरिको को समझना होगा सरकार केवल इलाज करवा सकती है वह भी प्रति व्यक्ति पर लाखों खर्च करना पड़ता है जो नागरिको से ही वसूला गया प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष कर का ही होता है नही तो सरकार को करोड़ो अरबो का कर्ज लेना पड़ेगा उसको भी नागरिको से वसुलेगये टैक्स से ही भरना तो पड़ेगा ही।

अब नागरिको की जवाबदारी है कि कोरोना के दूसरे फेज से कैसे सुरक्षित रहकर प्रदेश के करोड़ों रुपये केवल इलाज पर खर्च होने से बचाया जा सके और सुरक्षित रहा जा सके नही तो फिर वही दो गज दूरी नही तो ख्वाहिश रह जायेगी अधूरी.….....

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